आज फ्रेंडशिप डे है. हर तरफ दोस्ती की कसमें खाई जा रही हैं और दोस्त की खुशी के लिए कुछ भी कर गुजरने के वादे किए जा रहे हैं, लेकिन इस मौके पर हम बात करेंगे उन जोड़ियों की जिनके रिश्ते पिछले फ्रेंडशिप डे से लेकर इस फ्रेंडशिप डे तक पूरी तरह बदल गए और साल भर ये टूटती दोस्ती खबरों की सुर्खियां बनी रही.
#FriendshipDay: जानिए दोस्ती के इतिहास के बारे में जिसका कोई मजहब नहीं होता…
नीतीश कुमार-लालू यादव
नीतीश और लालू ने जब दो साल पहले मिलकर महागठबंधन बनाया तो लगा ये साथ लंबा चलेगा. बिहार में दोनों ने मिलकर सरकार भी बनाई लेकिन हफ्ता भर पहले ही इस महागठबंधन में ऐसी टूट हुई कि नीतीश एनडीए की गोद में जाकर बैठ गए और तिलमिलाए लालू उन्हें पलटूराम कहकर जमकर लानत भेज रहे हैं.
सुनील ग्रोवर-कपिल शर्मा
एक प्लेन में हुए झगड़े के बाद कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर की दोस्ती टूटी तो कपिल की कॉमेडी के रंग फीके हो गए. शो की टीआरपी भी गिरने लगी. दोनों को फिर से एक करने की तमाम कोशिशें हुईं जो अब तक तो कामयाब नहीं हो पाई हैं. दोस्ती टूटने का खामियाजा कपिल और सुनील दोनों भुगत रहे हैं.
अरविंद केजरीवाल-कपिल मिश्रा
कभी साथ मिलकर भाजपा और कांग्रेस के करप्शन के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले अरविंद केजरीवाल और कपिल मिश्रा अब एक-दूसरे के जानी-दुश्मन बने हुए हैं. कपिल मिश्रा को केजरीवाल ने बर्खास्त कर दिया तो कपिल मिश्रा भी केजरीवाल को जेल भेजने की कसमें खा रहे हैं. दोनों की जोड़ी टूटने ने दिल्ली की सियासत में भूचाल ला दिया है.
राहुल गांधी-शंकरसिंह वाघेला
फ्रेंडशिप डे आते-आते गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता शंकरसिंह वाघेला ने भी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी का साथ छोड़ दिया. कभी राहुल और वाघेला मिलकर गुजरात में कांग्रेस को मजबूत करने और मोदी को मात देने की रणनीति बनाते थे लेकिन गुजरात चुनाव से ठीक पहले वाघेला ने कांग्रेस से कट्टी कर ली और अब उनके बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
मुलायम सिंह-अमर सिंह
समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव को गद्दी से हटाकर जब उसपर उनके बेटे और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव काबिज हुए तो इसका सबसे बड़ा खामियाजा अमर सिंह जैसे नेताओं को भुगतना पड़ा. अमर अब पार्टी से बाहर कर दिए गए हैं और मुलायम सिंह यादव द्वारा अपनी बर्खास्तगी पर मुंह न खोलने से नाराज हैं. अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव की तुलना पुत्र-मोह में जकड़े हुए धृतराष्ट्र तक से कर दी.
विराट कोहली- अनिल कुंबले
अनिल कुंबले को जब एक साल के लिए टीम इंडिया का कोच बनाया गया तो उनके स्वागत में ट्वीट करने वालों में सबसे आगे विराट कोहली ही थे, साल पूरा नहीं हुआ और कोहली को अपने वो ट्वीट डिलीट करने पड़े क्योंकि दोनों के बीच 36 का आंकड़ा हो गया. हालत ये हुई कि कुंबले अपना अलग रास्ता पकड़ चुके हैं और रवि शास्त्री टीम इंडिया के कोच बन गए हैं.
मायावती- नसीमुद्दीन
यूपी चुनाव तक मायावती के खासमखास रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी कुछ महीने बाद ही धुर विरोधी हो गए. इस हद तक कि उन्होंने माया पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए उनके फोन टैप कर मीडिया को सुना दिए तो माया ने भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. बसपा से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा बना चुके हैं.
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