संक्रांति आ रही है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति में स्नान करने पर काफी पुण्य मिलता है और इस दिन स्नान के बाद दान का भी महत्व है। सबसे खास बात है कि श्रद्धालुओं को संक्रांति में स्नान के लिए कई जगह जाते हुए देखा जाता है। कुछ लोग हरिद्वार तो कुछ इलाहाबाद जाते हैं। कुछ लोग गंगासागर में स्नान करते हैं। कहते हैं कि गंगासागर में अगर आप स्नान करते हैं तो सौ यज्ञों के बराबर अश्वमेध यज्ञ के बराबर आपको पुण्य मिलता है। आइए जानते हैं इसे तीर्थ में श्रेष्ठ क्यों कहते हैं।
क्या है महत्व स्नान का
मकर संक्रांति पर स्नान का अपना महत्व है। जैसे कि लोग पूर्णिमा में स्नान करते हैं और दान करते हैं। ठीक उसी तरह संक्रांति पर भी लोग स्नान कर दान करते हैं। और स्नान के लिए लोग गंगासागर को संक्रांति में अधिक महत्व देते हैं। गंगासागर का मेला हर साल पौष मास में पश्चिम बंगाल में लगता है और यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके पीछे एक कहावत भी है। कहा जाता है कि यहां एक बार तीर्थ करने से ही सौ तीर्थ के बराबर पुण्य मिलता है। यह मेला हुगली नदी के किनारे लगता है।
14 जनवरी है खास दिन
14 जनवरी को मकर संक्रांति है और लोग बड़ी संख्या में स्नान के लिए जगह-जगह पहुंचते हैं। गंगा सागर में आठ जनवरी को मेला शुरू हो जाएगा। यह 16 जनवरी तक रहेगा। मकर संक्रांति को हिंदू धर्म में काफी खास दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। लेकिन इसके साथ ही इस बार यह गजब का संयोग इसलिए भी बन रहा है क्योंकि सूर्य के साथ शनि भी मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में 14 जनवरी को स्नान के बाद दान करने से जीवन में काफी दिककतें समाप्त होंगी।
GB Singh