हम सभी को हर रोज कोई न कोई व्यक्ति ऐसा मिलता है जो झूठ बोलकर आपको सत्यवादी होने का झांसा देता है पर ऐसे व्यक्तियों की पहचान नहीं की जा सकती क्योंकि वह इस तरह से बात करता है कि आप उसकी बात पर विश्वास करने के लिए बाध्य हो जाते हैं। गरुड़ पुराण में कुछ ऐसे ही व्यक्तियों के बारे में बात की गई है जिक्र किया गया है जिससे आप झूठे लोगों की पहचान आसानी से कर सकते हैं। गरुण पुराण में भगवान विष्णु और गरुड़ पक्षी की वार्ता का वर्णन किया गया है। जोकि गरुण पुराण विष्णु पुराण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है।
बात अगर हिंदू धर्म की करे तो मृत्यु पुनर्जन्म और अंतिम संस्कार से संबंधित क्रिया कर्मों का जिक्र गरुण पुराण में किया गया है। धर्म ग्रंथों में हिंदू धर्म ग्रंथों की बात करें तो 18 महा पुराणों में से एक महा पुराण गरुड़ पुराण को कहा गया है। चूंकि इस पुराण में भगवान विष्णु को आधार बनाया गया है। हालांकि इससे महापुराण में अन्य देवी-देवताओं का भी वर्णन किया गया है।
आज हम महा पुराण गरुड़ पुराण से जानेंगे कि कौन से वह व्यक्ति हैं जो आपसे झूठ बोलते हैं और उनकी पहचान कैसे की जा सकती है। तो चलिए जानते हैं गरुण पुराण से झूठे लोगों के पहचान के बारे में –
झूठे व्यक्तियों की पहचान
गरुण पुराण में भगवान विष्णु और गरुड़ पक्षी की वार्ता का जिक्र किया गया है। इस पुराण की कुछ बातें आज भी प्रासंगिक है। यह प्राण हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा और सीख देता है जिसे अमल में अगर हम लाए तो एक बेहतर मानव बन कर हम जन सेवा कर सकते हैं। अगर आप झूठ बोलते हैं तो आप ईश्वर की नजर में अपराधी है क्योंकि भगवान कभी नहीं चाहते कि कोई मनुष्य दूसरे मनुष्य को भ्रमित करें और यह भी नहीं चाहते कि कोई खुद से झूठ बोले। कुछ संकेत ऐसे होते हैं जिन्हें आसानी से पता चल जाता है कि व्यक्ति आपसे झूठ बोल रहे हैं।
शारीरिक भाषा
गरुड़ महापुराण में झूठ बोलने वालों की शारीरिक भाषा व्यक्त कर देती है कि वह झूठ बोल रहे हैं। इस पुराण में कई श्लोकों का जिक्र किया गया है जिसके माध्यम से आप पता लगा सकते हैं।
सत्य छुपाने का प्रयास करना
मैसेज झूठ बोलना भी एक कला के अंतर्गत ही आता है झूठ बोलने वाला व्यक्ति खुद से ही एक कहानी बनाता है और उस कहानी को सच बताने लगता है यह कारण है कि मैं हमेशा सत्य को छुपाने का प्रयास करता है और आप को अंधेरे में रखता है।
बॉडी लैंग्वेज
गरुड़ महापुराण में शारीरिक बनावट का वर्णन किया गया है जिसके माध्यम से व्यक्ति के हाव भाव से उसके विचारों का पता लगाया जा सकता है। जैसे कि बात करते-करते व्यक्ति अपने आप को असहज महसूस करने लगता है और ऐसे में अगर उसके कंधे चुके हैं तो जाहिर है तो व्यक्ति आपसे कुछ छुपा रहा है। वहीं अगर कोई व्यक्ति शांत मुद्रा में कोई जरूरी बात करता है तो ये भी झूठ बोलने की कला है।
शारीरिक हावभाव
शारीरिक हाव-भाव से अभिप्राय बात करते-करते एक हाथ हिलाना है या दोनों हाथ हिलाना पैरों को हिलाना एक सामान्य व्यवहार है पर जब व्यक्ति झूठ बोल रहा हूं तो उसके इस व्यवहार में कुछ बदलाव आपको देखने को मिलेंगे वह सामान्य नहीं होगा। जो व्यक्ति झूठ बोल रहा होता है वह तनाव में दिखता है और सामने वाले से नजर चुराता है।
गरुण पुराण में और भी कई सारे संकेत दिए गए हैं जिससे कि आप झूठ बोल रहे व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं।