हमारे देश की केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का काम सभी प्राइवेट और सरकारी बैंक को नियंत्रित करना है। इसके साथ ही ये सुनिश्चित करना भी है कि अर्थव्यवस्था में एक बैलेंस बना रहा है। जिससे लेकर वे आए दिन अलग-अलग कदम उठाती रहती है।
हालांकि इस खबर में हम किसी कदम पर चर्चा नहीं करेंगे, बल्कि एक स्टेटमेंट पर बात करेंगे। हाल ही में यूएस के वाशिंगटन में यूएस-इंडिया इकोनॉमिक फोरम आयोजित हुआ। इसे सीआईआई (Confederation of Indian Industry) और यूएसआईएसपीएफ (US-India Strategic Partnership Forum) द्वारा आयोजित किया गया था।
इस आयोजन में आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा भी शामिल हुए थे। उन्होंने अपने भाषण के दौरान भारत के युवा यानी Genz पर बात की है।
Gen-z पर क्या बोले?
आरबीआई गवर्नर ने भाषण देते वक्त कहा कि जब मैंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की थी। मेरी पहली प्राथमिकता किसी बड़ी एमएनसी कंपनी में काम करना था। हमें से किसी ने भी बिजनेस शुरू करने पर विचार नहीं किया। लेकिन पिछले कुछ वर्षो में देश के युवा का रुझान बिजनेस की ओर ज्यादा दिखाई दे रहा है। इनमें ज्यादातर इंजीनियर और मैनेजमेंट के छात्र-छात्राएं हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में बढ़ रहा स्टार्टअप अर्थव्यवस्था में अपना बड़ा योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी यूनिकॉर्न (unicorn) बन चुकी है। इसमें कई तरह के सेक्टर शामिल है। जिनमें हाईटेक सेक्टर जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फिनटेक और रिन्यूबल एनर्जी इत्यादि भी शामिल हैं।
भारत में 1 लाख से ज्यादा स्टार्टअप
आरबीआई गवर्नर ने अपने भाषण के वक्त बताया कि हमारे देश में आज 1,50,000 रिजर्स्ड स्टार्टअप है। वहीं सरकार स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठा चुकी है। इनमें start-up india, Digital India और Atal Innovation Mission शामिल हैं।
Global Innovation Index में भारत रहा आगे
आरबीआई के गवर्नर का ये भी कहना है कि हमारा देश Global Innovation index में भी आगे बढ़ रहा है। साल 2015 में हम 81 नंबर पर रैंक थे। लेकिन साल 2024 तक हम 39 नंबर रैंक पर आ गए हैं।