भारत के लिए जीते 20 मेडल, अब खेत में मजदूरी कर भर रहीं पेट

भारत में क्रिकेट के खेल को धर्म से जोड़ कर देखा जाता है और उसे खेलने वालों को फैंस भगवान से कम नहीं समझते हैं। ऐसे में इस देश का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे अमीर खेल बोर्ड बीसीसीआई है। देश में अब कुछ खेलों की तरफ थोड़ा ध्यान दिया जाने लगा है वर्ना पहले तो दूसरे खेलों के बारे में कोई जानने तक को उत्सुक नहीं रहता था। आज हम आपको ऐसी लड़की की कहानी बताएंगे जिन्होंने भारत के लिए 20मेडल जीते पर आज खेत में मजदूरी करने को मजबूर हैं।

देश के लिए जीते हैं 20 मेडल पर मजदूरी कर पाल रहीं पेट

पंजाब के मनसा जिले के गुरनेकलां गांव की 23 साल की हरदीप कौर ने भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार नहीं बल्कि 20 बार रोशन किया है। हालांकि आज उनको खेती करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। हाल ही में हरदीप ने एक इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उन्होंने देश का नाम बहुत बार रोशन किया है पर कभी सोचा नहीं था कि उनके तारे गर्दिश में ही रहेंगे। उन्हें अपने परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है। वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके पास खेती के लिए जमीन भी नहीं है।

दिन का कमाती हैं 300-350 रुपये

बता दें कि कराटे में उन्होंने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 मेडल जीते थे। हालांकि अब दूसरे के खेतों में मजदूरी करके दिन का 300 से 350 रुपये कमा लेती हैं। उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि मुझे मेरे परिवार का पेट पालने के लिए ये काम करना पड़ रहा है। मेरे मातापिता भी खेतों में ही काम करते हैं। बता दें कि इस वक्त वो पटियाला से फिजिकल एजुकेशन विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं। मेहनत और मजदूरी के साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी हुई है।

सरकारी नौकरी का वादा कर नहीं दिया मौका

हरदीप ने इंटरव्यू में एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने 2018 में मलेशिया में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। इस कारनामे के बाद पंजाब के मौजूदा खेल मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी ने उन्हें सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। हालांकि ये वादा भी नेताओंं के दूसरे वादों की तरह ही खोखला निकला। दरअसल इस वादे को 3 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है पर वादा अब तक पूरा नहीं किया गया। हरदीप ने कहा कि मुझे इसके लिए 4 बार सरकारी कार्यलय में बुलाया गया और फार्म भरवाए गए। हालांकि मुझे अब तक ज्वाॅइनिंग लेटर नहीं मिला है।

ऋषभ वर्मा

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