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इंदौर। हम साल में आज के दिन तो कुर्बानी देते ही हैं, लेकिन हमें समाज के बच्चों को शिक्षित करने के लिए कुर्बानी देना चाहिए। वो कुर्बानी शिक्षा के लिए उसकी मदद के तौर पर आर्थिक सहयोग हो। वहीं, किसी की मदद के रूप में भी हमें अपने समय की कुर्बानी देनी चाहिए, क्योंकि अल्लाह को भी कुर्बानी पसंद है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुसलमान होने के लिए इस्लाम के नियमों को भी मानना होगा।
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यह बात शनिवार को सुबह सदरबाजार स्थित इदगाह पर ईद की मुख्य नमाज अदा करवाने के बाद तकरीर में शहरकाजी डॉ. इशरत अली ने कही। इसके पहले शहरकाजी को कांग्रेस रिजर्व फोर्स के संस्थापक स्व. रामचंद्र सलवाडिया के परिवारजन द्वारा शहरकाजी को उनके निवास से शाही बग्घी में बैठाकर ईदगाह लाया गया। मुस्लिम समाज ने शहर में ईद उल अजहा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इसके अलावा खजराना, छोटी ग्वालटोली, जामा मस्जिद स्थित इदगाह पर भी नमाज अदा की गई। जहां हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। नमाज के बाद एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। इस मौके पर लोगों ने गरीबों में जकात भी बांटी।