वास्तु शास्त्र के अनुसार गोमुख से सुरक्षा के साथ ही सुखो की खानि भी मिलती है। जब भी आप कोई नया घर बना रहे हैं तो घर का मुख्य द्वार गोमुख तरह होना चाहिए। गोमुख का द्वार चौड़ा होता है यह गाय के समान मुख होता है। देखने से मानव लगता है जिससे गाय का जीता जागता मुखमंडल हो। मुख्य द्वार की जगह सक्रिय होने से भूमि भवन की संरक्षित श्रेणी में आ जाता है यही नहीं इसमें जो भी प्रवेश करता है तो वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं।
गोमुख द्वार पर हमेशा लक्ष्मी जी का वास होता है। यह अत्यंत शुभकारी माना जाता है। जहां पर भी आप धन का संग्रह करते हैं उस संग्रह का मुख्य द्वार गोमुख की तरह होना चाहिए इससे धनलक्ष्मी का संग्रह बना रहता है और उनकी कृपा बनी रहती है। ऐसा करने से व्यापार में लाभ मिलता है और वस्तु का ठहराव की बना रहता है।
आपको बता दें कि गोमुख भवन में रहने वाले लोग धर्म-कर्म को मानने वाले होते हैं और धार्मिक प्रकृति के होते हैं साथ ही यह संस्कारों को मानने वाली होती है। गोमुख का द्वार शीतलता और सुख प्रदान करता है। सही दिशा में बना गोमुख द्वार सकारात्मक प्रभाव देता है। व्यक्ति की सोचने की क्षमता भी बढ़ती है। यहां किसी तरह का गोदाम नहीं बनाया जा सकता है। क्योंकि संरक्षित वस्तुओं का घुमाव होने से परेशानी भी आती है। इसमें गोदाम नहीं बना सकते।
गोदाम से मतलब संरक्षक वस्तुओं का घुमाव बना रहे। आपको बता दें कि दक्षिण और पश्चिम दिशा के गोमुख का द्वार होना शुभ नहीं माना जाता है। इस दिशा में बने गोमुख का द्वार व्यक्ति के स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है और वह क्रोधी बन जाते हैं।
गोमुख के द्वार पर हमेशा माता लक्ष्मी का वास होता है अगर आपके यहां धन का भंडारण करना हो तो गोमुख वाले द्वार पर मां का भंडारण करें जिससे धन लक्ष्मी मां और गज लक्ष्मी मां की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी।
गोमुख के द्वार का लाभ अगर आपके पास धन का संचय नहीं हो रहा है या धन की कमी है तो आप अपने यहां घर के किसी पवित्र स्थान के पास आप एक गोमुख का द्वार बनवाएं और उस द्वार के अंदर धन लक्ष्मी मां की पूजा अर्चना करें इससे कभी भी धन की कमी आपको नहीं सताएगी और इसके साथ ही हमेशा घर में सुख समृद्धि के साथ ही धन की वर्षा होती रहेगी और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा आप पर बरसती रहेगी।
वंदना