नई दिल्ली: जल्द ही रेले गाडिय़ां के डिब्बों में जलने वाली लाइट और पंखे सौर उर्जा से चलेंगे। रेलवे बोर्ड के सदस्य रविंद्र गुप्ता ने सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर ऐसे डिब्बे का उद्घाटन किया जिसकी छत पर फ्लेक्सिबल सोलर पैनल लगाए गए हैं। इन सोलर पैनलों से से बनने वाली बिजली से डिब्बे में लगे पंखेए लाइटें और मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट चलाए जायेंगे।
रेलवे डिब्बों पर सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए इंडियन रेलवे ऑर्गेनाईजेशन फॉर अल्टरनेट फ्यूल्स ने पिछले वर्ष डीईएमयू रेलगाड़ी के 6 ट्रेलर कोचों पर परम्परागत पीवी सौलर पैनल लगाए थे। इसके काफी बेहतर परिणाम प्राप्त हुए। डीईएमयू रेलगाड़ी में लगाए गए पैनलों के चलते डिब्बे में अगले 25 वर्षों में लगभग तीन करोण रुपये की बिजली की बचत होगी।
इस दौरान कार्बन उत्सर्जन में भी प्रति गाड़ी लगभग 1350 टन की कमी आएगी। उेसी रेलगाडिय़ां जिनकी गति धीमी होती है उनमें लगा अल्टरनेटर कई बार धीमी गति के चलते चार्ज नहीं हो पाता ऐसे में डिब्बे में बिजली सप्लाई प्रभावित होती है। ऐसी गाडिय़ों में सोलर पैनल लगाने पर काफी बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है।
इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे ने आईआरओएएफ को ऐसी 4 पैसेंजर रेलगाडियों की छतों पर सोलर टीवी पैनल लगाने के निर्देश दिए है जिनमें धीमी गति के कारण बैटरियां चार्ज नहीं हो पाती। सोलर पीवी पैनलों वाले डिब्बों को सीतापुर- दिल्ली रेवाड़ी पैसेंजर रेलगाड़ी में लगाया जा रहा है। डिब्बे पर लगाए गए फ्लेक्सिबल सोलर पीवी पैनल का वजन काफी कम है। ऐसे में इनका वजन डिब्बे पर बहुत अधिक नहीं पड़ता है।
सीतापुर- दिल्ली, रेवाड़ी पैसेंजर रेलगाड़ी में पैनल लगाने का का काम कोरपोरेट सोशल रिस्पाँसिबिलिटी योजना के तहत किया गया है। रेलवे के अनुसार जिन डिब्बों पर इस तरह के सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। ऐसे डिब्बों में रोज लगभग 15 से 20 यूनिट बिजली पैदा होगी। इन रेलगाडिय़ों के डिब्बों सेंसर भी लगाए गए हैं, ये सैंसर बिजली उत्पादन, आद्र्रता, तापमान व गाड़ी की स्थिति की भी जानकारी देते हैं। आईआरओएएफ ने डीजल से चलने वाली पैसेंजर रेलगाडिय़ों के लगभग 250 कोचों पर सौर पैनल लगाने की योजना बनाई है।