अमेरिका: ट्रंप प्रशासन के एच-1बी वीजा धारकों के पति या पत्नी के काम के अधिकार को समाप्त करने के बारे में फैसला टाले जाने से भारतीय कर्मचारियों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिली है।
आंतरिक सुरक्षा विभाग आफ होमलैंड सिक्योरिटी यानि डीएचएस ने इस सप्ताह अदालत के समक्ष कहा कि वह फिलहाल एच4 वीजा उपयोग करने वाले एच-1बी वीजाधारकों के पति-पत्नियों के काम के अधिकार को समाप्त करने फैसला जून तक नहीं लेगा।
क्योंकि इस निर्णय के आर्थिक प्रभाव की समीक्षा करने के लिये समय की जरूरत है। वर्ष 2015 से ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे एच-1बी वीजाधारकों यानी उच्च दक्षता प्राप्त पेशेवरों के पति-पत्नियां एच-4 आश्रित वीजा पर अमेरिका में काम करने के पात्र हैं। पूर्व ओबामा प्रशासन ने इस बारे में नियम जारी किया था।
डीएचएस पहले इस बारे में 28 फरवरी को फैसला करने वाला था। विभाग ने अदालत के समक्ष कहा कि इस मामले में नये तरीके से आर्थिक विश्लेषण की जरूरत है जिसमें कुछ सप्ताह का समय लग सकता है।
संशोधित समय सीमा के अनुसार ऐसा अनुमान है कि डीएचएस प्रस्तावित नियम की मंजूरी को लेकर इस बारे में आफिस आफ मैनेजमेंट एंड बजट को जून 2018 तक प्रस्ताव देगा।
इससे एच-1बी वीजा धारकों के पति- पत्नियों को कुछ समय के लिये राहत मिली है। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय कर्मचारी हैं। एच-1बी वीजा कार्यक्रम विदेशी विशेषीकृत कर्मचारियों को अमेरिका में काम करने के लिये आकर्षित करने को लेकर है। इन कर्मचारियों में बड़ी संख्या में भारत और चीन के हैं।