नई दिल्ली। लम्बे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में भारत को एक अहम जीत मिली है। जासूसी के आरोपों में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की पत्नी की याचिका को पाकिस्तान ने मानवीय आधार पर स्वीकार कर लिया।
पाकिस्तान में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त ने बताया कि अब जाधव की पत्नी उनसे जाकर जेल में मिल सकती हैं। पाकिस्तान सरकार ने मानवीय आधार का हवाला देते हुए कुलभूषण को उनकी पत्नी से मिलने की इजाजत देने का फैसला किया है। जाधव की पत्नी से मुलाकात के लिए पाकिस्तान व्यवस्था करेगा।
पाकिस्तान ने कुलभूषण के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियां चलाने और जासूसी करने का आरोप लगाया है। पाक सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा पा चुके कुलभूषण जाधव वहां की जेल में बंद हैं। भारत की याचिका पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव को सजा देने पर रोक लगा दी थी।
इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने 5 अक्टूबर को कहा था कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की क्षमा याचिका पर फैसला करने के करीब है। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने कहा था कि कुलभूषण जाधव की दया याचिका सेना प्रमुख के पास है। याचिका पर प्रक्रिया के तहत विचार हो रहा है हालांकि मैं इतना आश्वस्त कर सकता कि यह अंतिम फैसले के करीब है और आपको इसके बारे में जल्द ही पता चल जाएगा।
अपीलीय अदालत द्वारा याचिका खारिज करने के बाद जाधव ने जून में पाकिस्तानी सेना प्रमुख के पास दया याचिका भेजी थी। कानून के तहत वह सेना प्रमुख से माफी मांगने के हकदार हैं और इसके खारिज होने पर वह पाकिस्तानी राष्ट्रपति का रुख कर सकते हैं।
इससे पहले जाधव की मां को वीजा देने का भारत ने पाकिस्तान से अनुरोध किया था। इसके बाद ऐसी खबरें भी आईं कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव की मां को वीजा देने के भारत के अनुरोध पर विचार कर रहा है। हालांकि भारत ने इस संबंध में किसी तरह की जानकारी से इनकार किया था।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि उन्होंने जाधव की मां को वीजा न दिए जाने पर पाकिस्तान से इसकी शिकायत की है। सुषमा ने कहा था कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज को जाधव की मां अवंतिका जाधव को वीजा दिए जाने के बारे में लिखा है।