लखनऊ: राज्य के करीब 125 लैप्रोस्कोपिक सर्जनों को बैरिएटिक सर्जरी का एक सजीव सत्र देखने का सुुअवसर प्राप्त हुआ आलमबाग स्थित अजंता हाॅस्पिटल में शनिवार को हुई एक कार्यशाला में। अहमदाबाद से आए बैरिएटिक सर्जरी के पुरोधा डाॅ महेन्द्र नरवरिया और लखनऊ के बैरिएटिक सर्जन डाॅ राहुल सिंह ने वर्कशाॅप के दौरान मोटापे से ग्रसित चार मरीजों का आपरेशन किया।

इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में दोनों सर्जनों ने बताया कि कैसे आधुनिक बैरिएटिक सर्जरी डायबिटीज, उच्च रक्तचाप व कोलेस्ट्रोल और अधिक वजन से मरीज को जादुई फायदा दिलाती है। उन्होंने बताया कि पहले के जमाने में पीड़ित बैरिएटिक सर्जरी को लेकर उलझन में रहते थे कि कराएं या नहीं लेकिन अब जागरूकता और बेहतर परिणाम के चलते उन्हें बैरिएटिक सर्जरी पर पूरा विश्वास हो चला है अपनी परेशानी से पूरी तरह से छुटकारा पाने के लिए।
इस अवसर पर डाॅ राहुल सिंह ने बताया कि अजंता हाॅस्पिटल में जितने भी मरीजों ने ये सर्जरी करवाई उन्हें जैसे एक नया जन्म मिला और उन्होंने अन्य पीड़ितों को भी इस चमत्कारिक सर्जरी के बारे में जागरूक किया। जिन डाॅक्टरों ने इस सत्र में भाग लिया उन्होंने सभी प्रमुख सर्जरी के बारे में न केवल बारीकी से समझा बल्कि संशोधित बैरिएटिक आॅपरेशन को भी करीब से जाना।
इतना ही नहीं इस कार्यक्रम का लाइव ब्राॅडकास्ट भी किया गया उन डाॅक्टरों के लिए जो कि व्यस्तता के कारण इस वर्कशाॅप का हिस्सा नहीं बन सके। अजंता अस्पताल के प्रबंध निदेशक और लैप्रोस्कोपिक सर्जन अनिल खन्ना ने इस अवसर पर बताया कि गुजरे तीन साल में अब तक इस सर्जरी के माध्यम से हमारे हाॅस्पिटल में 73 पीड़ितों का सफल आॅपरेशन कर उनको नया जीवन प्रदान किया गया है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और ईएसआई वर्ग के लिए तो अब इस सर्जरी के लिए अब कैशलेस सुविधा भी उपलब्ध है। उन्होंने आगे बताया कि लखनऊ में अब इस सर्जरी की सफलता को देखते हुए लोग मेट्रो शहरों की तरफ रूख नहीं करते क्योंकि ये आॅपरेशन राजधानी में कहीं सस्ता और सुलभ है।
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