नई दिल्ली: अमेरिका ने बुधवार को घोषणा करते हुए बताया कि वह भारत के साथ महत्वपूर्ण रक्षा तकनीक को साझा करने के लिए तैयार है। अमेरिका ने मई में होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद भारत के साथ कई महत्वपूर्ण रक्षा तकनीकों को साझा करने का ऐलान किया है।
 भारत में यूएस के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा कि दोनों देशों के दो.दो प्रतिनिधियों के बीच मई महीने में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी जिसके बाद महत्वपूर्ण रक्षा तकनीक को भारत को स्थानांतरित किया जाएगा जिसे अमेरिका ने अभी तक किसी और देश के साथ साझा नहीं किया है।
भारत में यूएस के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा कि दोनों देशों के दो.दो प्रतिनिधियों के बीच मई महीने में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी जिसके बाद महत्वपूर्ण रक्षा तकनीक को भारत को स्थानांतरित किया जाएगा जिसे अमेरिका ने अभी तक किसी और देश के साथ साझा नहीं किया है।
चैन्नई में आयोजित अमेरिका.भारत बिजनेस काउंसिल सेमिनार के पहले दिन डिफेंस एक्सपो-18 में बोलते हुए जस्टर ने कहा कि नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच के संबंध दूसरे देशों के लिए मजबूत संकेत भेज रहे हैं। उन्होंने कहा. अमेरिका भारत को अपना महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार मानता है और यह कई मामलों में महत्वपूर्ण है।
यूएस कांग्रेस भारत का पूर्ण समर्थन करता है। भारत और अमेरिका के संबंध बहुत गहरे हैं और यह ऐसा रिश्ता है जो काफी लंबे समय तक बना रहने वाला है। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं। उन्होंने दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों के महत्व पर जोर दिया। जस्टर ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ बहुत से महत्वपूर्ण रक्षा तकनीक साझा करेगा।
जिसमें फाइटर जेट पर फोकस किया जाएगा। तकनीक के स्थानांतरण के बाद भारतीय कंपनियां स्वदेश में ही हाईटेक लड़ाकू विमानों का निर्माण कर पाएंगी जिससे कि भारतीय वायुसेना को भी काफी मजबूती मिलेगी। माना जा रहा है कि अमेरिका से लड़ाकू विमानों के निर्माण की तकनीक मिलने के बाद देश में ही एफ.16 जैसे हाईटेक लड़ाकू विमानों के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।
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