बीते शनिवार को चंडीगढ निवासी हर्षित शर्मा सोशल मीडिया पर छाया रहा. ख़बर थी कि हर्षित को Google से 12 लाख रुपये प्रति माह का आॅफ़र मिला है. हर्षित, जिसने इसी साल Government Model Senior Secondary School (GMSSS) से 12वीं की परीक्षा पास की है, उसे ये जानकारी फ़ोन पर मिली थी.
ख़बर चारों तरफ़ फ़ैल गई और फिर Google ने इससे पल्ला झाड़ लिया!
बीते मंगलवार को गूगल ने इस ख़बर को झूठी बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. इसके बाद हर्षित की मां, भारती शर्मा का कहना है कि-
इस मज़ाक ने उनके बेटे की ज़िन्दगी ख़राब कर दी है. भारती ने बताया कि हर्षित को एक कॉल पर ये जानकारी दी गई कि उसका सलेक्शन बतौर ग्राफ़िक डिज़ाइनर हुआ है, लेकिन इसका कोई आॅफ़र लेटर उसे नहीं मिला. उन्होंने बताया कि जब उसे ये फ़ोन आया, तब उन्होंने इस पर विश्वास नहीं किया. इसके बाद हर्षित ने ये बात अपनी प्रिंसिपल के साथ शेयर की, जिसके बाद उन्होंने प्रेस को ये जानकारी दे दी और चारो तरफ़ ख़बर फ़ैल गई. ख़बर फ़ैलते ही सारे मीडिया कर्मी उन्हें फ़ोन करने लगे. उन्हें लगा कि प्रिंसिपल ने इस ख़बर की पुष्टि करवा ली होगी.
इसके बाद बात आई आॅफ़र लेटर की. स्कूल ने मीडिया को आॅफ़र लेटर कैसे दिया जब उसे कोई ऐसा लेटर मिला ही नहीं था. प्रिंसिपल का कहना है कि हर्षित ने ये लेटर अपने टीचर्स को Whatsapp पर भेजा था, बल्कि भारती का कहना है कि हर्षित के पास कोई लेटर था ही नहीं. उस लेटर में काफ़ी गलतियां थीं और सैलरी की जानकारी नहीं थी.
शनिवार को संघ राज्य प्रशासन ने प्रेस नोट रिलीज़ कर के हर्षित की उपलब्धियों की जानकारी दे दी. उसमें ये भी लिखा था कि गूगल, हर्षित को एक साल की ट्रेनिंग के बाद 12 लााख रुपये देगा और ट्रेनिंग के समय 4 लाख रुपये Stipend मिलेगा.
इस मामले के बाद से हर्षित सदमे में है और हॉस्पिटल में भर्ती है. उसकी मां का कहना है कि इस वाकये के बाद से उसने कुछ नहीं खाया. जितने लोगों ने बधाई देने के लिए फ़ोन किया था, वो सब अब उसे ताने मार रहे हैं.
स्कूल की प्रिंसिपल इन्द्रा बेनीवाल ने इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को जमा कर दी है. रिपोर्ट में लिखा है कि जिस दिन ये ख़बर आई, उस दिन बेनीवाल छुट्टी पर थीं. उन्हें ये ख़बर दो टीचर्स द्वारा मिली. उन्होंने वो मेसेज भी शेयर करे, जो उनके और हर्षित के परिवार के बीच भेजे गए थे, साथ ही आॅफ़र लेटर भी भेजा था. उन्होंने उस जश्न का वीडियो भी भेजा था, जो हर्षित के घर पर मनाया जा रहा था.