कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में हलचल पैदा कर दी है। लोगों का काफी नुकसान हुआ और जिंदगी ठहर गई। बिजनेस करने वालों की तो आफत रही लेकिन कार्यालयों में काम करने वालों को घर से काम करने यानी वर्क फ्रॉम होम करने की सुविधा दी गई। अब सभी घर से काम कर रहे हैं तो आफिस सुनसान पड़े हैं।
वहां अन्य कर्मचारी भी नहीं आ रहे। कॉरपोरेट यात्राएं रुकी हुई हैं और आफिस सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में हालात देखते हुए कर्मचारियों को जो भत्ते या सैलरी मिलती है उसमें कुछ कटौती होगी या फिर वह बढ़ेगी। सर्च इंजन कंपनी गूगल ने इसकी शुरुआत कर दी है। गूगल के देश भर के आफिस पिछले एक साल से बंद हैं और लोग घर से काम कर हैं। गूगल ने अपने कर्मचारियों के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं। क्या इन नियमों से भारतीय कंपनियों पर असर पड़ेगा। क्या है ये नियम आइए जानते हैं।
कुछ इस तरह होता है गूगल का काम
आप जानते हैं कि गूगल अपने काम करने के तरीके और कर्मचारियों को देने वाले वेतन और सुविधाओं के लिए काफी प्रसिद्ध और चर्चा में रहता है। सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल में कर्मचारी पांच दिन काम करते हैं। उनके लिए कार्यालय में ही तमाम तरह की सुविधाएं हैं। तो अब ऐसे में कर्मचारियों के लिए कुछ नए गूगलहाईब्रिड वर्क मॉडल बनाए जाने की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को अब तीन दिन ही आफिस में काम करना होगा। बाकी के दो दिन वे अपनी किसी भी पसंद की जगह से काम कर सकते हैं। इसके लिए कोई रोका-टोकी नहीं होगी।
कुछ इस तरह होगा नया वर्क मॉडल
गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई की ओर से जानकारी तमाम मीडिया रिपोर्ट में छपी है। इसके मुताबिक गूगल अपने कर्मचारियों के लिए हाईब्रिड वर्क मॉडल के तहत सुविधाएं मुहैया कराएगा ताकि उनको वर्क फ्राम होम में कोई समस्या न हो। मौजूदा समय में दुनिया भर में गूगल के लिए एक लाख 40 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। गूगल की ओर से इन सभी कर्मचारियों के लिए काम के तरीके में बदलाव किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, गुगल अपने कार्यालय में केवल तीन ही दिन काम करना होगा। यह 60 फीसद कर्मचारी होंगे। इसके अलावा 20 फीसद कर्मचारी ऐसे होंगे जो अलग-अलग आफिस की लोकेशन से काम करेंगे। साथ ही बाकी के बचे 20 फीसद कर्मचारियों को गूगल घर से ही काम कराएगा। अब अगर आप घर से काम कर रहे हैं तो आप कहीं से भी काम कर सकते हैं।
वेतन घटेगा या बढ़ेगा
अब गूगल ने जब यह नया वर्क मॉडल पेश किया है तो जाहिर सी बात है कि इसका वेतन स्ट्रक्चर भी तैयार किया गया होगा। लोगों को काफी इंतजार रहता है कि गूगल अपनी सैलरी में किस तरह के भत्ते हटाने और जोड़ने जा रहा है। इस नए मॉडल के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी किसी सस्ते से महंगे शहर में जाता है तो उसकी सैलरी और भत्ते में बदलाव किया जाएगा। नियम के मुताबिक, अगर कर्मचारी का वेतन उसके जॉब के स्थान के अनुरूप नहीं है और लागत ज्यादा है तो उसको बढ़ाया जाएगा। यानी की कर्मचारियों का वेतन उनके क्षेत्र के हिसाब से और वहां की महंगाई के हिसाब से मिलेगा।
मसाज और खानपान की सुविधा भी गई
यह तो आपको पता ही होगा कि गूगल अपने कर्मचारियों के वेतन और सुविधाओं पर खूब खर्च करता है। इस हिसाब से देखें तो गूगल अपने कर्मचारियों की न केवल देखभाल करता है बल्कि आफिस में ही मसाज टेबल, कैटरिंग सिस्टम के तहत एक से बढ़कर एक व्यंजन, कारपोरेट यात्रा और अन्य सुविधाएं मुहैया कराता है। लेकिन अब जब वर्क फ्राम होम का सिस्टम हो गया है तो यह चीजें अब लोगों को नहीं मिल सकेंगे, जिससे कंपनी की काफी बचत होगी। इसलिए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई कहीं भी जाकर काम करने और घर से काम करने की वकालत की है। ताकि कोरोना की वजह से जिन देशों में दफ्तर बंद हो चुके हैं वो ठीक से फिर शुरू हो सकें और काम आगे बढ़े। हालांकि गूगल के बाद अभी भारतीय कंपनियों में इस नए वर्क मॉडल को लेकर चर्चा शुरू हो गई है, जल्द ही इस संबंध में कोई हलचल कुछ कंपनियों में दिख भी सकती है।
GB Singh