राशन कार्ड को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में एक तरह से हाहाकार मचा हुआ है। कई जिलों में जिलाधिकारी कार्यालय स्तर से एक पत्र जारी कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि जो भी अपात्र लोग राशन कार्ड का उपयोग कर रहे हंै वह तुरंत अपना कार्ड विभाग के पास सरेंडर कर दें, वरना उनसे गेहूं और चावल की वसूली होगी और विधिक कार्यवाही की जाएगी। इस डर से कई जिलों में लोग अपने कार्ड वापस करने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। जबकि शासन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है कि यह तथ्यहीन और भ्रामक है। ऐसी कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। कोई कार्ड वापस नहीं होंगे और न ही कार्रवाई होगी। आइए जानते हैं।

आखिर कहां हुआ कंफ्यूजन
पिछले दिनों कई जिलों में अधिकारियों की ओर से पत्र विज्ञप्ति जारी करके और मुनादी करके यह जानकारी लोगों को दी गई कि अपात्र लोग राशन न लें और अपना कार्ड वापस करें। अपात्र लोगों में वे लोग हैं जो गरीबी रेखा ऊपर हैं। उनमें आयकर दाता लोग, दो व चार पहिया वाहन के मालिक, जिनका अपना घर या जमीन हो, घर में एसी हो और परिवार की आय तीन लाख से अधिक हो, ऐसे लोग राशन कार्ड के लिए अपात्र हैं। उसके बाद यह हलचल बढ़ी। हालांकि अपात्र के लिए जो नियम निर्धारित हैं वह सही है लेकिन कार्ड वापसी या फिर उसको सरेंडर करना और राशन की वसूली की बात सही नहीं है। यही बात खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू की ओर से पत्र जारी करके भी बताया गया है।
अब क्या होगा
कई जिलों में शासन की ओर से आदेश पहुंचने के बाद राशन कार्ड जो लोगों ने वापस कर दिए थे उनको लौटाए जा रहे हैं। हालांकि कई जगह पर लोगों को नोटिस भेजने की सूचना मिल रही है कि राशन वापस करना होगा, लेकिन कहीं से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि अब राशन कार्ड वापस नहीं होगा। आगे चलकर सत्यापन होगा और जो भी राशन कार्ड धारक अपात्र पाए जाएंगे उनका निरस्तीकरण किया जाएगा।
GB SIngh
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features