नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के किसानों से सेब खरीदने के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी दे दी गई है. इस नीती को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्ष्यता में कैबिनेट ने 2019-20 के लिए बनाया था. जिसको इस वित्त वर्ष में भी लागू कर दिया गया है. इस नीति के तहत केंद्रीय खरीद एजेंसी (नैफेड), राज्य नामित एजेंसी और मार्केटिक निदेशालय जम्मू-कश्मीर सीधे किसानों से 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदेगा.
2500 करोड़ सरकारी गारंटी के उपयोग की मिली अनुमति- सरकार ने नैफेड को इस अभियान के लिए 2,500 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी उपयोग करने की भी अनुमति दी है. इस अभियान में अगर कोई नुकसान होता है तो उसे 50:50 के आधार पर केंद्र सरकार और जम्मू एवं कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन के बीच साझा किया जाएगा.
पिछले सत्र में गठित नामित मूल्य समिति को इस सीजन के लिए भी सेब के विभिन्न प्रकार और सेब के ग्रेड की कीमत निर्धारण के लिए जारी रखा जाएगा. जम्मू कश्मीर का केन्द्र शासित प्रशासन निर्दिष्ट मंडियों में मूलभूत सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित करेगा.
खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए समिति का होगा गठन- खरीद प्रक्रिया के सुचारू और निरंतर कार्यान्वयन की निगरानी केंद्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति द्वारा की जाएगी और केन्द्र शासित स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्यान्वयन और समन्वय समिति का गठन किया जाएगा.
केंद्र सरकार की यह घोषणा सेब उत्पादकों को एक प्रभावी बजार प्रदान करेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन की सुविधा मुहैया कराएगी. यह सेब के लिए पारिश्रमिक की कीमतें सुनिश्चित करेगा जिसके कारण जम्मू एवं कश्मीर में किसानों की समग्र आय में वृद्धि होगी.