शिक्षा मित्रों के बकाया भुगतान का आदेश एक सप्ताह में आ जाएगा। वहीं शिक्षा मित्रों की मांग पर सरकार ने विधिक राय लेने का फैसला किया है। शिक्षा मित्रों के प्रत्यावेदन पर विचार के लिए गठित पांच सदस्यीय कमेटी की बैठक में यह निर्णय हुआ।बड़ी खबर: योगी आदित्यनाथ ने किया बड़ा ऐलान, कहा- राज्य में बनेंगी दो दर्जन से ज्यादा गौशालाएं
सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बुधवार को बैठक में शिक्षा मित्रों ने एक बार फिर अपनी मांगें रखीं। उन्होंने एनसीटीई की अधिसूचना के पैरा चार में शिक्षा मित्रों को शामिल कराकर टीईटी से छूट दिलाने, आश्रम पद्धति के शिक्षकों के अनुरूप नियुक्ति देकर उनके समान वेतन-भत्ते देने की मांग की।
राज प्रताप सिंह ने समाज कल्याण और विधि विभाग को मामले में उच्च स्तरीय विधिक राय लेने के निर्देश दिए। इस बीच शिक्षा मित्रों ने भी सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता से राय लेने की बात कही।
मानदेय बढ़ाने में जताई असमर्थता
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आश्रम पद्धति शिक्षकों के लिए भी टीईटी अनिवार्य है। उन्होंने मानदेय बढ़ाने में असमर्थता जताई।