मध्य प्रदेश में अधिकारियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए अब जल्द ही कमिश्नर से लेकर नायब तहसीलदार तक को जजों की तरह सुरक्षा दी जाएगी। इसको लेकर सरकार में सहमति बन चुकी है। मामले में अब राजस्व विभाग कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। बताते चलें कि राज्य में राजस्व मामलों के निराकरण को लेकर एक अभियान चलाया जा रहा है। इसी को लेकर अधिकारियों को कानूनी पेचों से बचाने के लिए उन्हें भी न्यायाधीशों की तरह दी जाएगी।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में लंबित राजस्व मामलों का निराकरण के लिए मुख्य सचिव के विभागीय दौरे के बाद राजस्व अधिकारी बेहद सक्रीय हो गए हैं। इस मामले में कमिश्नर से लेकर नायब तहसीलदार तक एक पीठासीन अधिकारी की हैसियत से आदेश पर अपनी मुहर लगा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक कमिश्नर से लेकर नायब तहसीलदार को जजों की तरह सुरक्षा इसलिए मुहैया कराई जा रही क्योंकि वह बिना किसी तरह के डर से पूरी निष्पक्षता से काम कर सकें। मालूम हो कि न्यायाधीशों को विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं वैसे ही अधिकारियों को भी सुरक्षा दी जाएगी।
जानकारी के तहत प्रोटेक्शन एक्ट के दायरे में आने पर कमिश्नर से लेकर नायब तहसीलदार द्वारा किए जाने वाले फैसलों की अपील होगी पर उन्हें उसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। और साथ ही फैसले को आधार मानकर न्यायिक प्रकरण भी नहीं चल सकेगा।
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