जम्मू में अवैध रूप से बसे रोहिंग्याओं (म्यांमार के मुस्लिम) के मददगारों पर अब सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इनकी गतिविधियों की जांच शुरू कर दी गई है। मदद पहुंचाने वाले दिल्ली तथा श्रीनगर के एनजीओ के रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं।BJP के दागी विधायकों और सांसदों पर जल्द ही लगेगा आजीवन प्रतिबंध, लेकिन सबसे पहले डूबेगी केशव मौर्या की नईया!साथ ही रोहिंग्याओं की बस्ती में चल रहे स्कूलों में पढ़ाने वालों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली तथा श्रीनगर की छह स्वयंसेवी संस्थाएं रोहिंग्याओं की आर्थिक तथा अन्य तरीके से मदद करती हैं।इनके नुमाइंदे रोहिंग्याओं की बस्ती में पहुंचते भी हैं।
सरकार के निर्देश पर पुलिस तथा खुफिया विभाग की ओर से इन स्वयंसेवी संस्थाओं की गतिविधियों की पड़ताल शुरू कर दी गई है। ये संस्थाएं क्या करती हैं तथा कहां-कहां इनका कार्य क्षेत्र है, किस प्रकार के क्रियाकलापों में संस्थाएं जुटी हुई हैं, इन सबका ब्योरा जुटाया जा रहा है।
खुफिया विभाग ने रोहिंग्याओं की बस्ती के आसपास बिछाया अपना जाल
सूत्रों का कहना है कि इन संस्थाओं के विदेशों से कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं। इसके साथ ही रोहिंग्याओं की विभिन्न बस्तियों में चलने वाले स्कूलों में पढ़ाने वाले रोहिंग्या अध्यापकों के अलावा स्थानीय शिक्षकों की गतिविधियों की भी पड़ताल की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि खुफिया विभाग ने रोहिंग्याओं की बस्ती के आसपास अपना जाल बिछा रखा है। इनकी पल-पल की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। शक है कि रोहिंग्या युवक नशे की तस्करी से जुड़े हो सकते हैं। इनका अन्य कानून विरोधी गतिविधियों में भी हाथ हो सकता है।
ज्ञात हो कि रियासत में जम्मू और सांबा में लगभग सात हजार रोहिंग्या रह रहे हैं। अकेले जम्मू में इनकी 22 बस्तियां हैं। राज्य सरकार 10 रोहिंग्याओं पर पीएसए के तहत कार्रवाई कर चुकी है।