इस दिन की खासियत
ज्योतिष के विशेषज्ञों की मानें तो बसंत पंचमी के दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं। इस दिन सभी मुहूर्त में श्रेष्ठ मुहूर्त होता है जिससे इस दिन किसी भी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। सिर्फ शादी और गृह प्रवेश ही नहीं बल्कि मुंडन व अन्य शुभ संस्कार भी इसी दिन से होते हैं। यह दोष रहित श्रेष्ठ योग कहलाता है जिसमें रवि योग का शुभ संयोग बनता है। इसी दिन ही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का तिलक हुआ था।
किनको विवाह करने की छूट
बसंत पंचमी पर वह जोड़े विवाह करें जिनको शादी में किसी प्रकार की कोई दिक्कत आ रही है। यह दिक्कत किसी भी प्रकार की हो सकती है। इसमें आर्थिक से लेकर सामाजिक दिक्कत भी शामिल है। इसके अलावा शादी के लिए वर व वधु पक्ष का राजी हो तो इसके लिए किसी भी प्रकार का गुण मिलाने की जरूरत नहीं होती है। अगर शुभ मुहूर्त निकालने में कोई दिक्कत है लेकिन शादी के लिए पूरी तरह तैयार हैं तो इस दिन शादी करें। तुरंत शादी के लिए बसंत पंचमी सबसे श्रेष्ठ है। इस दिन किसी भी नए काम की शुरुआत करना बेहतर होता है।