
अभी टैक्स ज्यादा होने से इन गुड्स की डिमांड काफी कम हो गई है। वहीं प्रोडक्शन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं हुई है। इस वजह से कंपनियां और रिटेल डीलर्स बार-बार सरकार से टैक्स कम करने की गुजारिश कर रहे थे। जीएसटी के लागू होने से पहले पहले सरकार का तर्क था कि यह लक्जरी आइटम हैं, इसलिए इनको अधिकतम स्लैब में रखा जाए।
महिलाओं करती हैं सबसे ज्यादा उपयोग
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इन वस्तुओं का प्रयोग डेली बेसिस पर सबसे ज्यादा महिलाएं करती हैं। महिलाओं को सहुलियत देने के लिए इन सभी व्हाईट गुड्स पर से टैक्स को कम किया जाएगा। कई व्हाईट गुड्स अभी भी 12 और 18 फीसदी के स्लैब में है।
अगर आप बाहर एसी रेस्टोरेंट में खाना पीना करते हैं तो फिर कम बिल देना होगा। बिल में जीएसटी को 18 और 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। इससे बिल सस्ता आएगा। रेस्टोरेंट के साथ-साथ करीब 211 ऐसे प्रोडक्ट्स हैं, जिनके दाम काफी कम हो गए हैं। हालांकि अभी इसका पूरा फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है, क्योंकि रेस्टोरेंट्स ने रेट बढ़ा दिए है।
GST की दरों में कटौती के बाद भी एयरकंडीशन रेस्टोरेंट में खाना खाने वालों को पुरानी दर पर ही बिल चुकाना पड़ रहा है। अब सरकार ऐसे रेस्टोरेंट्स के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी कर रही है जो जीएसटी कम होने का फायदा अपने ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रहे हैं।
जल्द ही सरकार ऐसे रेस्टोरेंट्स पर कार्रवाई कर सकती है। गौरतलब है कि अभी किसी भी रेस्टोरेंट में मिलने वाले खाने की कीमत तय करने का हक उसके मालिक के पास है।
कटौती का ‘फायदा’ उठाने वाले रेस्टोरेंट्स पर नकेल कसेगी सरकार
अब जबकि सरकार ने रेस्टोरेंट के बिल पर लगने वाली जीएसटी दर को कम कर दिया है तो इसका फायदा ग्राहकों को कम बिल के रूप में मिलना चाहिए। लेकिन देश के अधिकांश रेस्टोरेंट ऐसा नहीं कर रहे हैं।
वहां जीएसटी की दर भले ही घट गई है, लेकिन रेस्टोरेंट मालिकों ने खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ा दी है, जिससे ग्राहकों को अभी भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। जबकि पांच फीसदी से जीएसटी लगने की वजह से बिल राशि कम होनी चाहिए थी।
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