एफएमसीजी कंपनियों को चेतावनी जारी करने के बाद अब डिपार्टमेंट की नजरें रेस्टोरेंट पर टेड़ी हो गई हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम की चेयरपर्सन वंजना सर्ना ने कहा कि डिपार्टमेंट अब ऐसे रेस्टोरेंट्स को पत्र लिखकर बढ़े हुए दाम वापस लेने के लिए कहेगा। जो रेस्टोरेंट्स डिपार्टमेंट के आदेश का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा।
एफएमसीजी कंपनियों ने घटा दिए दाम
वित्त मंत्रालय के आदेश के बाद एफएमसीजी कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के दाम घटा दिए थे। इसकी शुरुआत डाबर ने की थी, इसके बाद इमामी और एचयूएल ने भी दाम घटाने की घोषणा कर दी थी।
रेस्टोरेंट में मालिक तय करता है प्राइस
गौरतलब है कि अभी किसी भी रेस्टोरेंट में मिलने वाले खाने की कीमत तय करने का हक उसके मालिक के पास है। अब जबकि सरकार ने रेस्टोरेंट के बिल पर लगने वाली जीएसटी दर को कम कर दिया है तो इसका फायदा ग्राहकों को कम बिल के रूप में मिलना चाहिए। लेकिन देश के अधिकांश रेस्टोरेंट ऐसा नहीं कर रहे हैं।
जीएसटी की दर भले ही घट गई है, लेकिन रेस्टोरेंट मालिकों ने खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ा दी है, जिससे ग्राहकों को अभी भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। जबकि पांच फीसदी से जीएसटी लगने की वजह से बिल राशि कम होनी चाहिए थी।
रेस्टोरेंट मालिकों की इस सफाई को वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने गलत बताया है। उन्होंने कहा कि अगर इनपुट टैक्स क्रेडिट के हटाने के वजह से ऐसा हो रहा है तो जब जीएसटी लागू हुआ था तब तो इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं हटाया गया था तो तब कीमत में कमी क्यों नहीं आई?
खबर के मुताबिक, अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार के पास अधिकार है कि वह किसी की शिकायत पर गौर करने के अलावा अपनी तरफ से भी किसी रेस्टोरेंट पर भारी जुर्माना लगा सकती है। उन्होंने बताया कि अगर कोई रेस्टोरेंट मुनाफाखोरी में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ ऐसा एक्शन होगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने 211 प्रोडक्टस पर जीएसटी की दरों को कम किया है जिसमें एसी रेस्टोरेंट में खाना भी शामिल है।