GST में एनरोलमेंट का है अंतिम मौका, जाने क्या-क्या बरतनी होगी सावधानियां..

GST में एनरोलमेंट का है अंतिम मौका, जाने क्या-क्या बरतनी होगी सावधानियां..

अगर अभी तक गुड्स एंड सर्विस टैक्स के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो जल्दी करें, और 3 महीने का समय मिल रहा है। जानिए क्या सावधानियां बरतनी होंगी। GST में एनरोलमेंट का है अंतिम मौका, जाने क्या-क्या बरतनी होगी सावधानियां..बड़ा खुलासा : भारत पाकिस्तान मैच फिक्स था सभी खिलाड़ियो को दी गई थी मोटी

एक जुलाई से लागू हो रहे जीएसटी के लिए जिन उद्यमियों व व्यापारियों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनको रजिस्ट्रेशन कराने का एक ओर मौका मिलने वाला है, वो भी 25 जून से अगले तीन महीने के लिए। इससे पहले 1 जून से लेकर 15 जून तक विंडो खुली थी, लेकिन सर्वर डाउन रहने व अन्य तकनीकी कारणों के चलते काम पूरा नहीं हो पाया था। 

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर है। जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाता है, जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं। जीएसटी लागू होने पर सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को है, क्योंकि पूरे देश में एक समान दरें लागू होंगी।

पंजीकरण के लिए ये दस्तावेज चाहिएं
राज्य या केंद्र सरकार का पहचान पत्र, ई-मेल एड्रेस, मोबाइल नंबर, बैंक एकाउंट नंबर, बैंक आईएफएससी नंबर, पासबुक की कॉपी, अकाउंट होल्डर का नाम, बैंक का स्टेटमेंट, मालिक, प्रमोटर या पार्टनर का फोटोग्राफ, फर्म की ओर से अथराइज्ड सिग्नेचर की कॉपी, व्यवसाय होने का प्रमाण, पार्टनरशिप फर्म की स्थिति में-  पार्टनरशिप डीड की कॉपी, अन्य की स्थिति में – व्यापार पंजीकरण प्रमाण पत्र

पार्टनरशिप की सूरत में ऑथराइजेशन लेटर, फर्म की बैंक स्टेटमेंट, रजिस्ट्रेशन लेटर, चारों पार्टनर की फोटोग्राफ और उनका एड्रेस प्रूफ, फर्म में चार पार्टनर की सूरत में एक पर्सन को ऑथोराइज किया जाता है, जिसके सिग्नेचर लगता है। प्राइवेट लिमिटेड होने की सूरत में रजिस्ट्रेशन लेटर, अथॉइराइजेशन लेटर, सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन, बैंक स्टेटमेंट, फोटोग्राफ, एड्रेस प्रूफ (बिजनेस प्लेस) चाहिए।

कौन कौन करा सकता है माइग्रेशन
30 नबंवर 2016 से 30 अप्रैल 2017 के बीच माइग्रेशन के लिए जिन्होंने फ्रेश एप्लीकेशन नहीं डाली है, वो इसके अंतर्गत माइग्रेशन करा सकते हैं। साथ ही वो लोग जिनकी एप्लीकेशन सिर्फ डिजिटल हस्ताक्षर के कारण अधूरी रह गई थी वो भी इसे पूरा कर सकते हैं। वैट, एक्साइज और वो व्यापारी जो सर्विस टैक्स में रजिस्टर्ड हैं, वो इसे करा सकते हैं।

यहां कराना होगा रजिस्ट्रेशन
जीएसटी के रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले www.gst.gov.in पर जाएं। राज्य में हुए जीएसटी एनरोलमेंट की प्रोविजनल आईडी और पासवर्ड से लॉगइन करें। अपना मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस भरें। मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड आएगा। इसके बाद लॉगइन हो जाएगा। फिर अपना पैन कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोर्ड फीड करें।

सूचना एसएमएस, ई-मेल से मिल जाएगी
इसे सबमिट कर दें तो आपके मोबाइल और ईमेल पर रजिस्ट्रेशन की जानकारी आ जाएगी। जीएसटी की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आपको अपना नामांकन ऑटोमेशन ऑफ सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स की वेबसाइट www.aces.gov.in पर कराना होगा। यहां आप अपना टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इसकी सूचना एसएमएस, ई-मेल से व्यापारी को मिल जाएगी।

आधार न मिला तो डिजिटल हस्ताक्षर चाहिए
आधार मिलान न हो पाने की सूरत में डिजिटल हस्ताक्षर की जरूरत होती है। आप क्लास-2 से अपने डिजिटल सिग्नेचर बनवा सकते हैं। इसकी कीमत 600 से 700 रुपए होती है। यह एक तरह का स्पेशल टोकन होता है जो कि डिजिटल सिग्नेचर के लिए ही इस्तेमाल होता है। हालांकि यह यूएसबी जैसा दिखता है। वैसे तो क्लास-3 के जरिए भी डिजिटल हस्ताक्षर बनवाए जा सकते हैं, जिसकी कीमत 3000 रुपए तक हो सकती है।

माइग्रेशन एप्लीकेशन फाइल होने के बाद क्या होगा
आपकी ओर से माइग्रेशन एप्लीकेशन फाइल होने के बाद जीएसटी पोर्टल आपको एक मैसेज और ई-मेल भेजेगा, जिसमें ARN दिया गया होगा, जिसे Application Reference Number कहते हैं। जिन लोगों ने हाल ही में वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स के अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन हाल ही में करवाया है, उन्हें अभी उनके विभाग की ओर से प्रोविजनल आईडी नहीं मिलेगा, यह उन्हें बाद में मिलेगा।

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