ट्रंप प्रशासन द्वारा एच1बी वीजा में कटौती का रुख अपनाने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरीका द्वारा कुशल पेशेवरों की आवाजाही के मामले में संतुलित और दूरदर्शी नजरिया अपनाने का जोर दिया। अमरीका में एच1बी वीजा सुविधा में कटौती का भारतीय सॉफ्टवेयर क्षेत्र के पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। मोदी ने अमरीकी कांग्रेस के द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि अमरीकी प्रशासन और कांग्रेस में बदलाव के बाद द्विपक्षीय आदान-प्रदान के मामले में प्रतिनिधिमंडल का आगमन अच्छी शुरूआत है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई उनकी सकारात्मक बातचीत को
याद किया और पिछले अढ़ाई साल में गहरे हुए द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता के बारे में बताया।
मोदी ने भारत-अमरीका भागीदारी के लिए कांग्रेस के दोनों दलों के मजबूत समर्थन की भी पुष्टि की। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है। प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान मोदी ने उन क्षेत्रों के बारे में अपने विचारों से अवगत करवाया जिनमें दोनों देश अधिक नजदीकी के साथ काम कर सकते हैं। इन क्षेत्रों में लोगों के बीच बेहतर संपर्क महत्वपूर्ण है जिसका पिछले कई सालों के दौरान एक-दूसरे की समृद्धि में काफी योगदान रहा है।
अमरीकी वीजा प्रणाली में पारदर्शिता चाहता है भारत
भारत ने अमरीकी वीजा प्रणाली में निश्चितता पर जोर देते हुए कहा कि व्यापार तो केवल स्थिर माहौल में ही फलता-फूलता है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस मुद्दे पर अमरीकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ विस्तार से चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि भारत अमरीकी वीजा प्रणाली में पारदर्शिता चाहता है। उल्लेखनीय है कि अमरीकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मंत्री से मुलाकात की थी। मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सांसदों के रूप में वे अपनी भूमिका निभाएंगे।’’ अमरीकी संसद की न्यायिक समिति के चेयरमैन बाब गुडलाते के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल यहां आया है। निर्मला ने कल इस प्रतिनिधिमंडल के साथ अमरीकी कामकाजी वीजा पर प्रस्तावित प्रतिबंध व बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आई.पी.आर.) सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।