दिल्ली एक बार फिर स्वाइन फ्लू की चपेट में है. पिछले 15 दिनों में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. अस्पतालों में बढ़ती भीड़ इस बात की गवाह है कि राजधानी धीरे-धीरे फीवर की चपेट में आ रही है. लेकिन फीवर और खांसी जुकाम के साथ दनदनाता हुआ स्वाइन फ्लू यानी H1N1 वायरस राजधानी के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. आंकड़े बताते हैं कि जुलाई के मुकाबले अगस्त के सिर्फ 13 दिनों में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या दोगुनी तेजी से बढ़ी है.अभी अभी: हुआ बड़ा हादसा, क्लोरीन गैस का फटा सिलेंडर, बच्चों की हालत हुई नाजुक…
दिल्ली में 1 जनवरी से लेकर 13 अगस्त अब तक स्वाइन फ्लू के 1307 मामले सामने आए हैं, जबकि 4 मरीजों की स्वाइन फ्लू की वजह से मौत हो गई है, जबकि 30 जुलाई के आंकड़े के मुताबिक 642 मामले सामने आए थे, यानी कि सिर्फ 13 दिनों में स्वाइन फ्लू के मामले लगभग 100 फीसदी बढ़े हैं. साल 2016 में 13 अगस्त तक सिर्फ 194 मामले आए थे, लेकिन मरने वालों की संख्या 7 थी.
देश भर में स्वाइन फ्लू के अब तक 18,885 मामले आए हैं, जिनमें 929 मरीजों की मौत हो गई है. स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं, आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 13 अगस्त तक 4011 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 404 मरीजों की मौत हो गई. तो वहीं गुजरात में भी स्वाइन फ्लू से 190 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1609 मामले दर्ज किए गए. तमिलनाडु में स्वाइन फ्लू के 2969 मामले सामने आए हैं, जबकि मरने वालों की संख्या 15 है.
आपको बता दें कि स्वाइन फ्लू का वायरस कर्नाटक, केरल, राजस्थान में भी तेजी से पैर पसार रहा है.
देश की राजधानी में बढ़ते मामलों को देखते हुए एक बात तो साफ है कि हालात गंभीर होने वाले हैं, क्योंकि जैसे-जैसे पारा 30 के आसपास पहुंचेगा. स्वाइन फ्लू का H1N1 वायरस और रंग दिखाएगा. हर साल इस वायरस के म्यूटेट होकर और शक्तिशाली होने की संभावना रहती है. लिहाजा आने वाले कुछ महीनों में स्वाइन फ्लू दिल्लीवालों के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है.