सोने की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए अब हॉलमार्किंग को पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया गया है। ग्राहक अब किसी भी तरह के सोने की खरीदारी किसी ऐसे दुकान से करते हैं जिसका सालाना टर्नओवर यानी कारोबार ज्यादा है तो वहां अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग करके ही सोना देना होगा। इस हॉलमार्किंग के ग्राहकों को भी कुछ फायदे और नुकसान हैं। केंद्र सरकार का यह आदेश 16 जून से लागू कर दिया गया है। आइए जानते हैं इसके पीछे की पूरी जानकारी।
2019 में बनाया गया था नियम
केंद्र सरकार की ओर से अनिवार्य हॉलमार्किंग का नियम 2019 में बनाया गया था। लेकिन कोरोना के चलते कारोबारियों ने इसे लागू करने के लिए थोड़ा समय मांगा था। सोने को लेकर हो रही धोखाधड़ी और नकली सोने के कारोबार से बचने के लिए सरकार ने यह नई व्यवस्था लागू की है। अगर कोई भी ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क के सोना बेचता है तो वह अब ऐसा नहीं कर पाएगा। उस पर कड़ी कार्रवाई तक हो सकती है। सोने पर हॉलमार्किंग का आदेश तो वैसे पूरे देश में लागू होना है लेकिन पहले चरण में इसे 256 जिलों में लागू किया जाएगा।
अगस्त तक ज्वैलर्स को मिलेगी छूट
देश के जिन 256 जिलों मेंं पहले चरण के तहत यह हॉलमार्किंग नियम को लागू किया जा रहा है वहां अभी कारोबारियों को कुछ छूट दी जाएगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी थी कि अगस्त 2021 तक किसी भी तरह की कोई जुर्माना या पैनल्टी नहीं ली जाएगी अगर हॉलमार्किंग नहीं की जा रही है तो लेकिन अगर इसके बाद भी कदम नहीं उठाया गया तो कार्रवाई होगी।
इन कारोबारियों को मिलेगी राहत
वैसे तो यह व्यवस्था हर ज्वैलर्स के लिए है लेकिन अगर कोई ज्वैलर्स साल में सिर्फ 40 लाख रुपए का कारोबार करता है और आभूषण बेचता है तो उसे इस अनिवार्य हॉलमार्किंग नियम से छूट दी जा सकती है। जानकारी के मुताबिक यह व्यवस्था 16 जून से लागू हो गई है। पहले जिन 256 जिलों में इसे लागू किया गया है वहां मूल्यवान धातुओं की शुद्धता की जांच के लिए पहले से प्रयोगशालाएं हैं, ऐसे में इन जिलों के कारोबारियों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।
आम आदमी का फायदा या नुकसान
अभी तक नकली सोने की पहचान के लिए हॉलमार्किंग थी लेकिन वह अनिवार्य रूप से नहीं थी और सभी सोने पर नहीं थी लेकिन अब यह सभी प्रकार के सोने पर दिखेगी। हॉलमार्किंग न होने की वजह से नकली सोना ग्राहक खरीद रहे थे तो उसकी सुनवाई नहीं थी और न ही पहचान का कोई आधार था। वहीं, उनसे पैसे भी पूरे लिए जा रहे थे। लेकिन अब सीधे–सीधे फायदा ग्राहकों को ही मिलेगा। हालांकि अभी तक यह बात सामने नहीं आइ है कि इसका कोई शुल्क अतिरिक्त के रूप में ग्राहकों से लिया जाएगा या नहीं। केंद्र सरकार ने नई व्यवस्था को लागू करने के लिए एक समिति भी बनाई है। यह समिति किसी भी प्रकार की समस्याओं को ठीक करने का काम करेगी।
अब बिकेगी सिर्फ ये ज्वैलरी
हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने के बाद बाजार में सिर्फ तीन तरह का सोना ही बिकेगा। इसमें 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट शामिल हैं। अगर किसी भी दुकानदार ने बिना हॉलमार्किंग के ज्वैलरी बेची तो उसे एक साल की जेल और सोने के आभूषण की वैल्यू के पांच गुना तक जुर्माना देना होगा। यह कानून बनाया गया है। बता दें कि सोने के हर कैरेट के हॉलमार्क का एक नंबर है जैसे 22 कैरेट के लिए 916 नंबर, 18 कैरेट के लिए 750 नंबर और 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का इस्तेमाल करते हैं। इन अंकों से सोने का कैरेट और शुद्धता पता चलता है और दाम भी उसी हिसाब से लगता है। 22 कैरेट अधिक मूल्य का और अधिक शुद्ध होता है।
GB Singh