भारतीय अगर ठान लें तो क्या नहीं कर सकते। अब नीरज अरोड़ा को ही ले लीजिए। फेसबुक कंपनी में काम करने के बाद उन्होंने खुद का ऐप बनाने का सोचा और नौकरी छोड़ दी। उन्होंने वाट्सऐप और फेसबुक को टक्कर देने के लिए हालो ऐप बनाया है। इस ऐप में कुछ खासियत है जो इसे वाट्सऐप और फेसबुक से अलग बनाती हैं। नीरज अरोड़ वाट्सऐप के पूर्व ग्लोबल बिजनेस हेड रह चुके हैं। तो आइए जानते हैं नीरज और उनके इस ऐप के बारे में।
नीरज ने सहयोगी के साथ बनाया ऐप
नीरज अरोड़ा और वाट्सऐप में उनके सहयोगी रहे वाट्सऐप के पूर्व इंजीनियरिंग डायरेक्टर माइकल डोनोड्यू ने मिलकर यह ऐप बनाया है। दोनों शुरुआती समय से वाट्सऐप के साथ जुड़े हुए थे, जब वाट्सऐप इंस्टेंट मैसेंजिंग ऐप की शुरुआत हुई थी और फेसबुक ने 2014 में इसे खरीद लिया था। दोनों ने इसे बनाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना किया और अंत में इस ऐप को बनाकर तैयार किया है। दोनों ने सितंबर 2019 में यह हालो ऐप बनाया था।
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क्या है अलग
यह ऐप एक रियल रिलेशनशिप नेटवर्क है। यह हालो ऐप अपने उपयोगकर्ता को अपने फोन सूची में किसी से भी बातचीत करने का मौका देगी। हालो ऐप में कई फीचर्स फेसबुक और वाट्सऐप को टक्कर देने वाले बताए जा रहे हैं। इस बारे में नीरज ने ट्विटर में जानकारी शेयर की है। उन्होंने इसके लॉन्च करने की जानकारी देते हुए बताया कि यह एक ट्रेडिशनल सोशल मीडिया मंच से बिल्कुल अलग है और इसमें न तो विज्ञापन देखने को मिलेगा और न ही लाइक, फॉलो, बाट का भी अनुभव होगा। यह केवल दोस्तों को बातचीत के लिए आगे लाएगा।
ऐप में क्या है खास
हालो ऐप सिर्फ नेटवर्क में मौजूद लोगों के पास ही जाएगा। यह वहीं तक सीमित है जिनके पास आपका नंबर है। हालोऐप किसी भी तरह की जानकारी को अपने पास इकट्ठा नहीं करेगा और न ही इसका उपयोग करेगा। यह बिल्कुल वैसा ही होगा जैसा अभी तक वाट्सऐप कर रहा था, यानी की एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड। यह किसी तरह के एल्गोरिदम का उपयोग नहीं करेगा और विज्ञापन दिखाकर किसी उपयोगकर्ता को परेशान भी नहीं करेगा। हालांकि भविष्य में काफी फीचर्स आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि यह ऐप स्टोर और प्ले स्टोर पर आसानी से मिल जाएगा। यह वेब एक्सेस के साथ नहीं आ रहा है। आप इसमें तस्वीरें और चैट बिल्कुल वैसे ही कर सकते हैं जैसे वाट्सऐप में करते हैं।
GB Singh