उन्होंने कहा कि किशोर हर तरह के गीत गा लेते थे और उन्हें ये मालूम था कि कौन सा गाना किस अंदाज़ में गाना है. लता ही नहीं, उनकी बहन आशा भोसले के भी सबसे पसंदीदा गायक थे और उनका मानना है कि किशोर अपने गाने दिल और दिमाग़ दोनों से ही गाते थे.आरुषि-हेमराज हत्याकांड: CBI के पास सबूत नहीं सिर्फ कहानी, आरुषि केस में इलाहाबाद HC की 10 कड़ी टिप्पणी
किशोर दा को उनके योगदान के लिए खूब पुरस्कार मिले। दिलचस्प बात ये है कि बतौर पार्श्व गायक उन्हें कई फिल्मफेयर पुरस्कारों से नवाजा गया। शायद कम लोग ही जानते हो उनके नाम से किशोर कुमार पुरस्कार भी दिए जाते थे,
किशोर दा को बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवार्ड के तहत 1971 आराधना, 1972 अंदाज, 1973 हरे कृष्णा हरे रामा, 1975 कोरा कागज के लिए बेस्ट प्ले बैक सिंगर अवार्ड्स दिए गए।
1969 गाना ‘रूप तेरा मस्ताना फिल्म’ ‘आराधना’
1975 गाना ‘दिल ऐसा किसी ने मेरा’ फिल्म ‘अमानुष’
1978 गाना ‘खइके पान बना रसवाला’ फिल्म ‘डॉन’
1980 गाना ‘हजार राहें मुड़के देखें’ फिल्म ‘थोड़ी सी बेवफाई’
1982 गाना ‘पग धूंधरू बांध के मीरा नाची’ फिल्म ‘नमक हलाल’
1983 गाना ‘हमें और जीने की’ फिल्म ‘अगर तुम ना होते’
1984 गाना ‘मंजिलें अपनी जगह’ फिल्म ‘शराबी’
1985 गाना ‘सागर किनारे’ फिल्म ‘सागर’
किशोर कुमार ने कई हिट फिल्में देकर अपने अभिनय की अलग छाप छोड़ी। उनकी कई फिल्में हैं जिन्हें आज भी उनके बेहतीन अभिनय के लिए याद किया जाता है। वे हैं- 1954 में ‘नौकरी’, 1957 में’मुसाफिर’, 1957 में ‘आशा’, 1958 में ‘चलती का नाम गाड़ी’ 1962 में ‘हॉफ टिकट’, 1968 में ‘पड़ोसन’, जैसी कई और हिट फिल्में भी हैं।