टीम इंडिया के ओपनर गौतम गंभीर 14 अक्टूबर को 36 साल के हो गए। गंभीर ने अपने अब तक के 14 साल के करियर में कई बेहतरीन पारियां खेली। 2007 के टी-20 विश्व कप और 2011 के विश्व कप फाइनल में उनकी पारी काफी समय तक लोगों को याद रहेगी। उन्होंने सभी फॉर्मेट में 242 मैच खेलते हुए 10324 रन बनाए। इसमें 20 शतक तथा 56 अर्धशतक शामिल हैं। गंभीर ने टेस्ट में 9 तथा वन डे में 11 शतक लगाए। जुलाई 2008 से जनवरी 2010 के दौरान 19 माह में उन्होंने 9 शतक तथा 19 अर्धशतक ठोंक दिए थे। इस स्लाइड में हम गंभीर की 5 बड़ी पारियों पर जानकारी देंगे।
पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 विश्व कप फाइनल में वीरेंद्र सहवाग के चोटिल होने के बाद ओपनिंग की पूरी जिम्मेदारी अपने पर ली और 57 गेंदों में शानदार 75 रन ठोंके। गंभीर की पारी की बदौलत ही भारत एक चुनौतीमय स्कोर खड़ा कर सका। भारत के चैंपियन होने में गंभीर की पारी का बड़ा योगदान रहा।
2008 की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला ग्राउंड में गौतम गंभीर ने शानदार दोहरा शतक लगाया। गंभीर ने 206 रनों की पारी खेली। गंभीर ने इस दौर में 19 महीने में 9 शतक लगाए। यह उनके करियर का अब तक का सबसे सर्वोत्तम समय माना जा सकता है।
गौतम गंभीर ने श्रीलंका के विशाल लक्ष्य का पीछा करते कोलकाता के ईडन गार्डन में शानदार नाबाद 150 रन बनाए। इस मैच में विराट कोहली ने अपना पहला वन डे शतक लगाया था। मैच भारत ने आसानी से जीत लिया। गंभीर को इस पारी के लिए मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। लेकिन उन्होंने अपना यह अवॉर्ड विराट कोहली को दे दिया।
घरेलू वन डे सीरीज में जयपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ गौतम गंभीर ने वन डे में अपना दूसरा सर्वाधिक स्कोर बनाया। उन्होंने 138 रनों की नाबाद पारी खेली। भारत गंभीर की आकर्षक बल्लेबाजी की वजह से मैच आसानी से 8 विकेट से जीत लिया।
टीम इंडिया श्रीलंका के 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी थी। विश्व कप फाइनल का दबाव वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर नहीं सह सके। दोनों पांच ओवर के अंदर आउट हो गए। सहवाग खाता भी नहीं खोल सके। सचिन ने महज 18 रन बनाए। लेकिन इन दोनों के आउट होने के बाद गंभीर ने विराट कोहली के साथ भारतीय पारी संवारी। गंभीर ने शानदार 97 रनों की पारी खेली। गंभीर की यह पारी मैच में जीत का आधार बनी। धोनी ने भी नाबाद 91 रन बनाए। लेकिन गंभीर की पारी की सभी ने सराहना की।