अयोध्या: अयोध्या में मंगलवार को होने वाले#HappyDiwali दीपोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान श्रीराम की प्रतिमा लगाने की घोषणा कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि प्रतिमा की कुल ऊंचाई 201 मीटर हो सकती हैए जो कि विश्व की न सिर्फ नायाब प्रतिमा होगी बल्कि सबसे ऊंची भी होगी। हालांकिए ऊंचाई को लेकर अभी कोई अंतिम आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। प्रतिमा के निर्माण के लिए पर्यटन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर कहा था कि प्रभु राम के मंदिर निर्माण के लिए भले ही हमें कोर्ट के फैसले का इंतजार करना पड़ेए पर अयोध्या को भव्य रूप देने से हमें कोई नहीं रोक सकता। फैजाबाद स्थित डॉ राममनोहर लोहिया अवध विवि के निर्देशन में तीन लाख दीपों को जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की कवायद अंतिम चरण में पहुंच गई है।
विवि प्रशासन ने अपने पांच हजार वॉलंटियर्स के साथ सोमवार शाम तक राम की पैड़ी के 24 घाटों पर तीन लाख 35 हजार दीपक सजा दिए हैं। गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम राम की पैड़ी स्थित घाट पर पहुंच गई है। टीम प्रत्येक घाट की वीडियोग्राफी कर रही है। 12 घाटों पर दीपोत्सव का कार्यक्रम आयोजित होना है। इसमें तीन लाख दीये जलाकर अयोध्या की देव दीपावली को विश्व रिकॉर्ड में अंकित कराया जाना लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके लिए सोमवार सुबह ही वॉलेंटियर्स अपने निर्धारित घाटों पर पहुंच गए। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार दिन भर घाटों पर दीपक रखे। इसके बाद अवध विवि की ओर से प्रत्येक घाट पर निर्धारित दो संयोजकों ने दीयों को जोड़कर घाट के हिसाब से सूची तैयार की। पूरी सूची तैयार होने के बाद 3 लाख 35 हजार दीये सभी 12 घाटों पर जोड़े गए। गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम को भी घाट के हिसाब से सूची सौंप दी गई।
अब मंगलवार को इन दीयों के जलने के बाद फिर से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम दीयों की गणना करेगी। अवध विवि के वीसी प्रो. मनोज दीक्षित ने बताया कि रिकॉर्ड बनने से अयोध्या दीपोत्सव की ख्याति बढ़ेगी।
इसके लिए घाटों का उन्होंने निरीक्षण किया है। सभी 24 संयोजक और 12 पर्यवेक्षकों को निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। कुल 3ण्35 लाख दीये घाटों पर रखे गये हैं। उन्होंने बताया है कि कार्यकर्ताओं व अधिकारियों में रिकॉर्ड बनाने को लेकर काफी उत्साह है। सोमवार को घाटों पर दीप सज जाने के बाद कई बार ऐसी परिस्थितियां आईं कि बंदरों के समूह आ गए। उनके गुजर जाने के बाद दीप अपने निर्धारित स्थान से या तो हट गए या फिर टूट गए। अगर ऐसा ही रिकॉर्ड के समय हुआ तो रिकॉर्ड बनना मुश्किल हो जाएगा।