सावन माह में हरियाली अमावस्या आठ अगस्त को है। इस दिन का काफी महत्व है। बताया जा रहा है कि इस बार हरियाली अमावस्या काफी शुभ मुहूर्त में पड़ रही है। यह अमावस्या पति और पत्नी के रिश्ते के लिए काफी अच्छा बताया जा रहा है। इस दिन दंपति को साथ में पूजा करनी चाहिए जिससे उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल होगा। अमावस्या के दिन पूर्वजों को भी याद करते हैं, ऐसे में यह दिन इसके लिए भी खास है। आइए जानते हैं इस दिन की विशेषताएं।
क्या महत्व हैं हरियाली अमावस्या का
हरियाली अमावस्या को भगवान शिव और पार्वती की पूजा करते हैं। यह दिन पितरों को याद करने के लिए भी काफी अच्छा माना गया है। जानकारी के मुताबिक इस दिन लोगों को पौधा जरूर लगाना चाहिए। इससे पुण्य तो मिलता ही है साथ में पर्यावरण के लिए भी अच्छा है।
ऐसे करें हरियाली अमावस्या की पूजा
हरियाली अमावस्या के दिन पूजा करने से भगवान शिव और पार्वती प्रसन्न होते हैं। सबसे पहले सुबह उठकर भगवान का ध्यान करें और स्नान करें। इसके बाद पूजा के लिए बैठे। शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें। शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाएं और माता पार्वती का श्रंगार करें। दीपक जलाकर भगवान को बोग चढ़ाएं। इस दौरान मंत्र का जाप करें। ओम उमामहेश्वराय नम: मंत्र में पार्वती और शिव को याद करें। अब भगवान को चढ़ाया हुआ भोग पति और पत्नी को ग्रहण करना चाहिए और परिवार में भी बांटना चाहिए। यह पूजा वैवाहिक जीवन में काफी अच्छा समय लाती है। लोगों की परेशानी को दूर करते हैं।
यह भी करें
हरियाली अमावस्या में पौधों को लगाना भी काफी अच्छा माना गया है। आप कहीं भी यह पौधा लगा सकते हैं या तो अपने घर में या फिर मंदिर में। पौधा लगाने के बाद उसकी देखभाल करना भी बहुत जरूरी है। इसके अलावा हरियाली अमावस्या में पूर्वजों का तर्पण करना भी बहुत जरूरी है। अमावस्या में पितरों की पूजा करने से पूर्वज भी खुश होते हैं। इस दिन गंगाजल मिले पानी से स्नान करना चाहिए और मन में सभी तीर्थ को याद करना चाहिए। इसके बाद पितारों को तर्पण करें और उनका श्राद्ध भी करें। अमावस्या के दिन दान का भी खासा महत्व है। इस दिन दान जरूर करना चाहिए।
GB Singh