दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो जेल के कैदियों को दी जा रही दिहाड़ी मजदूरी को 3 हफ्ते में संशोधित करें. बता दें कि जेल में सजा काट रहे कैदी और अंडर ट्रायल कैदी जेल में काम करते हैं, इसके बदले उन्हें रोजाना दिहाड़ी मजदूरी दी जाती है.
24 जुलाई को इस मामले में हाई कोर्ट में अगली सुनवाई है, इससे पहले दिल्ली सरकार को हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर करना है.
नितिन वर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जेल के अंदर कैदियों को दिहाड़ी मजदूरी अभी भी 2014 के रेट से दी जा रही है, जबकि नया दिहाड़ी मजदूरी रेट जून 2019 से लागू कर दिया गया है.
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जेल के कैदियों के लिए दिहाड़ी मजदूरी को संशोधित करने का निर्देश दिया है, साथ ही अगली सुनवाई से पहले स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है.
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