हरियाणा में जजों की नियुक्ति के लिए हुई एचसीएस ज्यूडिशियल परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में चंडीगढ़ पुलिस की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने पहली गिरफ्तारी की है। पुलिस ने केस में सुनीता नामक महिला को दिल्ली के नजफगढ़ से बुधवार को गिरफ्तार किया। एसआईटी ने सुनीता को वीरवार जिला अदालत में पेश कर पूछताछ और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उसका तीन दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया है। पुलिस के अनुसार मामले में जल्द ही अन्य गिरफ्तारियां भी संभव है।अभी-अभी: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आई बड़ी खबर, अब नए घर के लिए अब ले सकेंगे 25 लाख का एडवांस
इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से गठित जांच कमेटी के यह मानने के बाद कि डेढ़ करोड़ रुपये में एचसीएस ज्यूडिशियल पेपर लीक हुआ था तो हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस से एफआईआर दर्ज कर इसकी रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे। जिन दो महिलाओं पर पेपर लीक का आरोप था वे दोनों अपनी-अपनी श्रेणियों में टॉपर पाई गईं थीं।
जांच कमेटी ने कहा था कि दोनों टॉपर कैंडिडेट के पास पहले से ही पेपर मौजूद था। इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही रजिस्ट्रार रिक्रूटमेंट डॉ. बलविंदर शर्मा और सुनीता के बीच का कनेक्शन भी जांच कमेटी ने खोलते हुए बताया था कि दोनों के बीच पिछले एक साल में 760 बार फोन पर बात व एसएमएस हु़ए हैं। कमेटी ने सामान्य वर्ग की टॉपर सुनीता आरक्षित वर्ग की टॉपर सुशीला व रजिस्ट्रार रिक्रूटमेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की थी।
लैपटॉप, पैन ड्राइव, हार्ड डिस्क रिकवर करेगी पुलिस
एसआईटी की ओर से जांच अधिकारी ने जिला अदालत में दलील दी कि आरोपी के पास से पैन ड्राइव, हार्ड डिस्क, लैपटॉप समेत अन्य रिकवरी करनी हैं। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पूछताछ करनी है। उसे दिल्ली और रोहतक लेकर जाना है, इसके लिए सुनीता का पांच दिन का रिमांड मांगा गया था। वहीं आरोपी सुनीता ने अदालत को बताया कि उसके पास ऐसा कुछ नहीं है। उसने बैक पेन की भी दलील दी। इसके लिए उसने ट्रैवल करने में असमर्थता जताई। अदालत ने पुलिस को सुनीता का मेडिकल कराने और उचित इलाज के आदेश दिए। साथ ही सुनीता को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शुरू की सुनवाई
इस मामले में आरोपी हाईकोर्ट के निलंबित रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) बलविंदर शर्मा ने निलंबन आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी पर मुख्य याचिका के साथ सुनवाई के आदेश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी। इस मामले में हाई कोर्ट की फुल बेंच सुनवाई कर रही थी, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला अपने पास सुनवाई के लिए मंगवा लिया था और मामले में आगे सुप्रीम कोर्ट में ही सुनवाई करने के आदेश दिए थे।
इस दौरान उसकी दोस्ती एक लड़की सुशीला से हो गई, जिसने गलती से याची को एक ऐसी ऑडियो क्लिप भेज दी जिसमें वह अन्य लड़की से डेढ़ करोड़ में नियुक्ति की बात कर रही थी। जब याची ने सुशीला से पूछा तो सुशीला ने वो ऑडियो क्लिप डिलीट कर दी। जब जोर देकर पूछा गया तो पेपर लीक होने की बात पता चली। याची ने कहा उसे विश्वास नहीं हुआ इस स्तर की परीक्षा का पेपर लीक हो सकता है।
सुशीला ने याचिकाकर्ता को 6 सवाल भी बताए जो परीक्षा में आने थे। जब 16 जुलाई को परीक्षा हुई तो याचिकाकर्ता को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि जो सवाल उसे बताए थे वे परीक्षा में आए थे। याचिकाकर्ता ने अपने पति को इसकी जानकारी दी और उन्होंने उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस को और हाईकोर्ट को एडमिनिस्ट्रेटिव साइड पर दी। याचिकाकर्ता के अनुसार इस गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज कर दोषियों पर कार्रवाई की जानी बेहद जरूरी है।