लखनऊ: तकनीक के इस युग में अपराधी भी हाईटेक होते जा रहे हैं। राजधानी लखनऊ की तालकटोरा पुलिस ने ऐसे ही हाईटेक लुटेरों के गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो मोबाइल लूटने के बाद उसका आईएमआई नम्बर बदल कर फर्जी बिल बनाकर उसको ओएलएक्स साइट पर बेच दिया करते थे। पुलिस ने बदमाशों के पास से लूटे गये 7 मोबाइल फोन, बुलेट, स्पलेण्डर बाइक और 6 हजार रुपये भी बरामद किये हैं। गैंग के दो सदस्य अभी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में लगी है।
एसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि तालकटोरा इलाके में कुछ दिनों में मोबाइल फोन और चेन लूट की कई घटनाएं हुई थीं। तालकटोरा पुलिस को लूट की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों की धर-पकड़ के लिए लगाया गया था। तालकटोरा पुलिस ने सर्विलांस और मुखबिर की मदद से वारदात को अंजाम देने वाले लुटेरों के गैंग को चिन्हित किया।
बीती रात पुलिस टीम ने राजाजीपुरम इलाके से तीन लुटेरों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके पास से लूटे गये 7 मोबाइल फोन, 6 हजार रुपये, एक बुलेट और एक स्पलेण्डर बाइक बरामद की। पूछताछ की गयी तो पकड़े गये लुटेरों ने अपना नाम सआदतगंज निवासी सुफियान, मोहम्मद फराज अंसारी और यूसुफ बताया।
पकड़ा गया फराज इण्टरमीडिट का छात्र है, जबकि यूसुफ मेडिकल की तैयारी कर रहा है। दोनों के पिता प्रापर्टी डीलिंग का काम करते हैं, जबकि यूसुफ की मां का अस्पताल है।
शार्टकट में रुपये कमाने और अपने हाईफाई शौक पूर करने के लिए यह लोग मोबाइल फोन और चेन स्नेचिंग की वारदात को अंजाम देते थे। एसपी पश्चिम ने बताया कि दो मोबाइल फोन और दो चेन लूट की वारदात को अंजाम देने की बात कुबूली है।
ओएलएक्स पर बेचते थे लूटा गया मोबाइल फोन
लुटेरों के इस गैंग ने लूटे गये मोबाइल फोन को बेचने का हाईटेक रास्ता निकाल रखा है। इस गैंग में शामिल दो बदमाश सआदतगंज निवासी अजीज और जैद खान फरार हैं। गैंग लीडर सुफियान ने बताया कि मोबाइल लूटने के बाद वह लोग लूटे गये मोबाइल फोन को यूसुफ के हाथ बेच देते थे। इसके बाद यूसुफ,फराज और जैद मिलकर पहले तो मोबाइल फोन का आईएमआई नम्बर बदलते थे। इसके बाद बदले हुए आईएमआई नम्बर के आधार पर एक फर्जी मोबाइल का बिल तैयार करते थे। उसी बिल के आधार पर लूटे गये मोबाइल फोन को ओएलएक्स साइट पर बेचने के लिए अपलोड़ कर देते थे। फर्जी बिल देख लोग मोबाइल फोन का लूटा हुआ नहीं समझते थे और कुछ लोग उसको खरीद भी लिया करते थे।