रंगोत्सव से पहले बरसाना में कब से शुरू होगा उत्सव, जानिए

    फाल्गुन मास के शुरू होते ही सबसे ज्यादा इंतजार लोगों को कृष्ण की भूमि मथुरा बरसाना में रंगों के उत्सव का होता है। यहां आने के लिए लोग पूरे साल फाल्गुन माह का इंतजार करते हैं। वैसे यह 17 फरवरी से महीना शुरू हो चुका है। हिंदू कैलेंडर का यह आखिरी महीना है। इसके खत्म होते ही हिंदू कैलेंडर का नया साल शुरू होता है। आइए जानते हैं।

फुलैरा दूज से शुरू होता है त्योहार
वैसे तो फाल्गुन आते ही मथुरा और बरसाना में लोग होली के रंग में जैसे रंग जाते हैं। पूरे महीने यहां लोग रंग से सराबोर रहते हैं। फुलैरा दूज से होली का उत्सव शुरू होता है। इसके बाद से हर दिन लोग किसी न किसी प्रकार की होली खेलते हैं। जैसे धार्मिक मान्यताओं में कहा जाता है कि कृष्ण जी राधा और गोपियों के साथ फूलों की होली खेलते थे। फुलैरा दूज के बाद लोग लट्ठमार होली से लेकर फूल और लड्डू की होली भी खेलते हैं।

रंगोत्सव में कब क्या मनाया जाएगा
हिंदू कैलेंडर की मानें तो फुलैरा दूज चार मार्च को मनाया जाएगा और इसी के साथ होली के उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। दस मार्च को फाग महोत्सव और होलाष्टक भी इसी दिन से शुरू  होगा। बरसाना में लट्ठमार होली 11 मार्च को मनाया जाएगा और नंदगांव में भी लट्ठमार होली 14 मार्च को होगी। होलिका दहन 17 मार्च को मनाया जाएगा और होली का उत्सव 18 तारीख को होगा। फाग महोत्सव में बरसाना की गोपियों की ओर से नंदगांव से होरियारों यानी होली खेलने वालों को फाग के लिए बुलाती हैं। यह दस मार्च को होगा। इसके अलावा लड्डू मार होली भी होरियारे निमंत्रण स्वीकार करने के बाद यह दस मार्च को होगा। यह लाडिलीजी मंदिर में मनाई जाती है। लट्ठमार होली 11 मार्च को नंदगांव के होरियारे बरसाना में मनाने आएंगे। रंगभरी एकादशी में गुलाल से काशी विश्वनाथ मंदिर में होली खेलते हैं। होलिका दहन के बाद होली रंगोत्सव मनाया जाता है।

GB Singh

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com