फुलैरा दूज से शुरू होता है त्योहार
वैसे तो फाल्गुन आते ही मथुरा और बरसाना में लोग होली के रंग में जैसे रंग जाते हैं। पूरे महीने यहां लोग रंग से सराबोर रहते हैं। फुलैरा दूज से होली का उत्सव शुरू होता है। इसके बाद से हर दिन लोग किसी न किसी प्रकार की होली खेलते हैं। जैसे धार्मिक मान्यताओं में कहा जाता है कि कृष्ण जी राधा और गोपियों के साथ फूलों की होली खेलते थे। फुलैरा दूज के बाद लोग लट्ठमार होली से लेकर फूल और लड्डू की होली भी खेलते हैं।
रंगोत्सव में कब क्या मनाया जाएगा
हिंदू कैलेंडर की मानें तो फुलैरा दूज चार मार्च को मनाया जाएगा और इसी के साथ होली के उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। दस मार्च को फाग महोत्सव और होलाष्टक भी इसी दिन से शुरू होगा। बरसाना में लट्ठमार होली 11 मार्च को मनाया जाएगा और नंदगांव में भी लट्ठमार होली 14 मार्च को होगी। होलिका दहन 17 मार्च को मनाया जाएगा और होली का उत्सव 18 तारीख को होगा। फाग महोत्सव में बरसाना की गोपियों की ओर से नंदगांव से होरियारों यानी होली खेलने वालों को फाग के लिए बुलाती हैं। यह दस मार्च को होगा। इसके अलावा लड्डू मार होली भी होरियारे निमंत्रण स्वीकार करने के बाद यह दस मार्च को होगा। यह लाडिलीजी मंदिर में मनाई जाती है। लट्ठमार होली 11 मार्च को नंदगांव के होरियारे बरसाना में मनाने आएंगे। रंगभरी एकादशी में गुलाल से काशी विश्वनाथ मंदिर में होली खेलते हैं। होलिका दहन के बाद होली रंगोत्सव मनाया जाता है।
GB Singh