होलिका दहन आज है। शुक्रवार को लोग रंग खेलेंगे। मोहल्ले और कालोनियों में लोगों ने शाम की तैयारियां शुरू कर दी है। लकड़ियों को इकट्ठा किया जा रहा है और सजावट हो रही है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा के साथ ही गुरुवार को यह महीना भी समाप्त हो जाएगा और रंग चैत्र मास में खेला जाएगा। होलिका दहन पर कुछ बातों को जानना बहुत जरूरी है। उपाय से काफी लाभ होता है। आइए जानते हैं।

दहन पर यह करें उपाय
पूर्णिमा के दिन होलका दहन के लिए शुभ मुहूर्त आ चुका है। इस दिन पूजा करने से काफी समस्याओं का निवारण होता है। यह इस बार 17 मार्च को होगा। कुछ कामों को इस दिन निषेध माना गया है वह करना अशुभ है। ऐसे में कुछ काम नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि होलिका दहन के दिन जिनकी नई शादी हुई है उनको जलते हुए नहीं देखना चाहिए। यह अच्छा नहीं माना जाता है। होलिका को सिर्फ आग का प्रतीक नहीं बल्कि कई चीजों का प्रतीक माना गया है। साथ ही उधार भी किसी को इस दिन न दें और न ही अकेली संतान को होलिका में आहूति देनी चाहिए। अगर दो बच्चे हैं तो आग दे सकते हैं।
क्या है शुभ मुहूर्त
होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त 17 मार्च को है। वैसे तो पूरा दिन ही अच्छा मुहूर्त है, लेकिन होलिका में आग लगाने के लिए शाम का समय निकाला गया है। कहा गया है कि होलिका को कबी भी एसी जगह न लगाएं जो गंदा हो। साफ जगह पर होलिका दहन होना चाहिएि। होली में पीपल, बरगद व आम की लकड़ी नहीं बल्कि गूगर और अरंड व अन्य लकड़ी जलाएं। गुरुवार के दिन रात में 9 बजकर 16 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक होली में आग लगा सकते हैं। भद्रा में आग नहीं जलानी चाहिए।
GB Singh
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