सावन का महीना खत्म होने के साथ ही अब तैयारी है भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इसी महीने मनाई जाएगी। इसे देखते हुए मंदिरों में और घरों में तैयारियां शुरू हो गई है। जन्माष्टमी को मनाने के तरीके काफी अलग-अलग होते हैं। कुछ लोग मंदिर जाते हैं तो कुछ व्रत करते हैं। कुछ घरों में झांकी सजाते हैं और फिर उनकी छठी करते हैं। विदेश में भी भगवान का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। आप उनके उत्सव की तैयारी कैसे करें, बताते हैं।
पूजा सामग्री का रखें ध्यान
भगवान श्रीकृष्ण बचपन से नटखट थे। वे खाने-पीने के मामले में भी शौकीन थे। इसलिए उनकी पूजा में न केवल पूजा सामग्री बल्कि खाने पीने के लिए चढ़ने वाली सामग्री का ध्यान रखें। 18 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। ऐसे में धूप, कपूर, केसर, चंदन के अलावा कुछ खास चीजें लानी आवश्यक हैं। इनमें उनके वस्त्र, केले के पत्ते, पंचामृत, नारियल, दूर्वा, पंचमेवा, भोग के लिए मिठाईयां, आटे की पूरी, मावे की बर्फी, सिंघाड़ा आटे का हलवा, धनिया की पंजीरी, दूध, दही, मक्खन और फल जरूर चढ़ाएं।
पूजा का मुहूर्त
जन्माष्टमी के लिए 18 अगस्त को शाम को नौ बजकर 21 मिनट से पूजा शुरू होगी जो अष्टमी तिथि के समाप्त होने तक 19 अगस्त को रात में दस बजकर 59 मिनट पर खत्म होगी। वैसे श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी की आधी रात को हुआ था इसलिए लोग 12 बजे के बाद ही उनका जन्म संस्कार पूजा करते हैं। छठी मनाने तक उनको तरह-तरह के भोग चढ़ाते हैं। उनकी पूजा के साथ ही देवकी वासुदेव, नंद, बलदेव, यशोदा का नाम भी लें। विष्णु पुराण व गीता का पाठ कर सकते हैं। पूजा के बाद प्रसाद बांटे।
GB Singh
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