सबसे बड़ी रात्रि शिवरात्रि मंगलवार को है। एक मार्च को फाल्गुन मास की चतुर्दशी के दिन यह व्रत रखा जाएगा। महाशिवरात्रि पर शिव की उपासना करने वाले पूरी विधि विधान से पूजा करेंगे और प्रार्थना करेंगे। कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर सिर्फ शिवलिंग पर अभिषेक करना शिव को प्रसन्न करता है बल्कि रुद्राभिषेक के माध्यम से महादेव को मनाया जाता है। कहा जाता है कि महादेव अपने भक्तों से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे करें रुद्राभिषेक, क्या है विधि।
कैसे करें शिवलिंग पर रुद्राभिषेक
एक मार्च को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा और भगवान को खुश करने के लिए रुद्राभिषेक करना बेहद खास होता है। जैसा की शास्त्रों में से एक शास्त्र यजुर्वेद में कहा गया है कि अगर घर या फिर शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करते हैं तो यह आपको काफी लाभ दे सकता है। रुद्राभिषेक करने से आपके ग्रह और नक्षत्र पर भी किसी प्रकार का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। बाधाएं भी दूर होती हैं। रुद्राभिषेक करने के लिए शिवलिंग को हमेशा उत्तर दिशा में रखें और जो अभिषेक कर रहा है उसका मुख पूरब की तरह हो तो अच रहेगा। श्रृंंगी यानी अभिषेक करने वाला पात्र से शिवलिंग पर गंगाजल डालें और अभिषेक करें।
अभिषेक की कैसे करें तैयारी
रुद्राभिषेक में पहले देवी और देवताओं का आह्वान करना चाहिएि। जैसा की कहा गया है कि पहले गणेश जी का आह्वान करें और उसके बाद पार्वती, नवग्रह और पृथ्वी, ब्रह्मदेव, लक्ष्मी, अग्नि देवता, सूर्य देवता, माता गंगा का पूजन करें। फिर सभी को अक्षत और फूल चढ़ाएं और रुद्राभिषेक शुरू करें। इस दौरान पूजा सामग्री में गाय का घी, फूल, चंदन, धूप, कपूर, बेलपत्र, मिठाई, शहद, फल, दही, दूध, गुलाब जल, मेवा, पंचामृत, नारियल पानी, गन्ने का रस, चंदन जल, गंगाजल, जल, सुपारी और नारियल जरूर रखें। पीतल की श्रृंगी को अभिषेक के लिए अच्छा माना गया है। अभिषेक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं। पान का पत्ता व सुपारी व बेलपत्र चढ़ाएं। भोग लगाएं और शिव मंत्र का जाप 108 बार करें। आरती करें और अभिषेक किए जल को घर में छिड़कें।
GB Singh