महाशिवरात्रि मंगलवार को एक मार्च के दिन मनाई जाएगी। यह फाल्गुन मास के चतुर्दशी के दिन मनाया जाएगा। भगवान महादेव को प्रसन्न करने का यह दिन होता है और अगर विधि विधान से पूजा की जाए तो यह काफी लाभ देने वाला हो सकता है। भगवान शिव और पार्वती को अगर महाशिवरात्रि के दिन याद करते हैं तो भोलेनाथ काफी प्रसन्न हो जाते है। हालांकि इस दिन कुछ खास बातों को ध्यान रखना चाहिए जिससे काफी लाभ होगा। आइए जानते हैं पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

कैसे करें महादेव की पूजा
भगवान शिव की महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर में पूजा करने को काफी शुभ माना जाता है। भगवान के भक्त जब चारों प्रहर में पूजा करेंगे तो भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों से काफी खुश होते हैं। इसलिए आपको एक मार्च के दिन पूजा करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। महादेव की पूजा में हमेशा धतूरा, बेल का पत्ता, पंचामृत, गंगाजल, जल, दूध, भस्म और भांग को चढ़ाना चाहिए। सप्तधान कहलाने वाली चीजें जिसे शिवलिंग पर अर्पित करने से काफी लाभ होता है। इसमें अक्षत, सफेद तिल, खड़ा मूंग, जौ और सत्तू के अळावा ज्वार और गेहूं शामिल है।
शुभ मुहूर्त में करें पूजा
महादेव की सप्तधान के साथ कैसे पूजा करें उसके लिए आपको मुट्ठी भर सप्तधान चढ़ाना होगा। पहले शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं और जल का अभिषेक करते समय ओम नम: शिवाय का जाप करते रहें। आप 108 बेल के पत्ते को अर्पित करें और फिर इत्र चढ़ाएं। फिर उनको पीली धोती को चढ़ाएं और पार्वती माता को चुनरी चढ़ाएं। अब सप्तधान लेकर शिवलिंग पर मुट्ठी से रखें। शिव की पूजा चार पहर में करें। पहला पहर शाम 6:21 से 9:27 तक, दूसरा पहर में रात 9:27 से 12:33 तक, तीसरे पहर में रात में 12:33 से सुबह 3:39 तक और चौथे पहर में 2 मार्च को सुबह 3:39 से 6:45 तक पूजा करें। व्रत पारण दो मार्च को सुबह 6:46 पर होगा।
GB Singh