आईसीसी की क्रिकेट कमेटी की वार्षिक बैठक लंदन में टीम इंडिया के हेड कोच अनिल कुम्बले की अगुआई में हुई थी. जिसमें इस बात पर खासा जोर दिया गया कि अब सभी अंतरराष्ट्रीय टी20 मैचों में भी डीआरएस का उपयोग किया जाना चाहिए, इसके अलावा फील्ड में मौजूद अंपायर को खिलाड़ियों के गलत व्यवहार करने पर उन्हें तुरंत मैदान से बाहर भेजने का अधिकार भी मिलना चाहिए, इन सारी बातों पर कमेटी में शामिल सभी लोगों की सहमती थी. इसके अलावा कुछ ऐसे प्रस्ताव भी दिए गए जिससे क्रिकेट में और सुधार देखने को मिलेगा.
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अब अंपायर्स कॉल पर बर्बाद नहीं होगा रिव्यू
कमेटी की तरफ से एक और प्रस्ताव दिया गया, जिसमे अगर कोई टीम अंपायर के फैसले को रिव्यु करती है और वो अंपायर काल होती है, तो उस टीम का रिव्यु खराब नहीं होगा. हालांकि अगर इसे अपना लिया गया तो टेस्ट क्रिकेट में 80 ओवर के बाद रिव्यू दोबारा नहीं मिलेंगे.
गलत व्यवहार पर भेजा जाएगा बाहर
इस कमेटी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1 अक्टूबर 2017 से लागू होने वाले नए क्रिकेट नियमों पर भी चर्चा की है, जिसमे अंपायर को दिए जाने वाले अधिकार भी शामिल है, जो प्लेयर को फील्ड से मैच के दौरान बाहर भेज सकते है, यदि कोई खिलाड़ी मैदान पर गलत व्यवहार करता है या लड़ाई करता है और इसके अलावा बाकी सजा आईसीसी के रुल के हिसाब से ही दी जाएगी.
बल्लों के आकार पर भी नियंत्रण
आईसीसी की तरह से एक दूसरा बदलाव जो इस बार किया गया है, वह है बल्ले की मोटाई और उसके किनारों को नियंत्रण में लाने की, इसके अलावा यदि कोई बल्लेबाज रन लेते समय यदि बल्ले को क्रीज में लाइन के ऊपर भी है तो उसे आउट नहीं दिया जाएगा.
नो बॉल होने पर तीसरा अंपायर भी बता सकता है
मैच के दौरान अगर कोई गेंदबाज नो बॉल फेंकता है, तो फील्ड अंपायर के अलावा थर्ड अंपायर को भी ये अधिकार मिलेगा जिसमें वो रिप्ले देखने के बाद उस गेंद को नो बॉल दे सकता है.
एमसीसी के कई नियम शामिल किए
इस कमेटी का प्रतिनिधित्व कर रहे कुंबले ने कहा कि, हमने एमसीसी के द्वारा लागू किए गए नए नियम भी अपनी इन सिफारिशों में शामिल किए हैं, जिसमें बल्ले के साइज को नियंत्रण में करना ताकि गेंद और बल्ले के बीच एक बैलेंस बना रहे वहीं डीआरएस पर हमने सारी तकनीकों को अब पूरी तरह से जांच लिया है.
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