अमेरिका: अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के न्यायाधीशों को कहा कि ईरान के खिलाफ परमाणु संबंधी प्रतिबंधों को निलंबित करने का आदेश देने की तेहरान की मांग पर फैसला सुनाने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है। ईरान ने तर्क दिया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बहुपक्षीय परमाणु समझौते से कदम वापस खींचने के बाद ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाकर 1955 के समझौते का उल्लंघन किया है।
लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग की अधिवक्ता जेनिफर न्यूस्टेड ने दी हेग में अदालत को बताया कि ष्ईरान के दावे पर सुनवाई का प्रथम दृष्टया उसके पास कोई अधिकार नहीं है। न्यूस्टेड ने कहा कि अमेरिका को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य हितों की रक्षा करने का अधिकार है। ऐसे में यह समझौता इस अदालत को न्यायाधिकार का आधार मुहैया नहीं करवाता है।
अमेरिका और विश्व की कई अन्य शक्तियों ने कई वर्षों की कूटनीति के बाद वर्ष 2015 में हुए समझौते के तहत ईरान पर से प्रतिबंध हटा लिए थे। इसके बदले में तेहरान ने वादा किया था कि वह परमाणु हथियार बनाने की कोशिश नहीं करेगा।
ट्रंप ने कहा कि 2015 का समझौता ईरान से पनपने वाले खतरे को रोकने के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रहा। उन्होंने मई माह में इस समझौते से कदम वापस ले लिए थे और इस महीने से ईरान पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिए थे। आईसीजे में पहले दिन की सुनवाई हुई। ईरान के अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रतिबंध उसके नागरिकों के कल्याण के लिए ठीक नहीं हैं और अरबों डॉलर के कारोबारी समझौतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।