उत्तराखंड सरकार भारतीय प्रबंध संस्थान (रोहतक) द्वारा चारधाम यात्रा पर तैयार अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में सुगम और सुरक्षित यात्रा की कार्ययोजना बनाएगी। चारों धामों-बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की धारण क्षमता पर आईआईएम की इस रिपोर्ट पर उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उनके निदेशक तथा उनकी टीम के साथ मंगलवार को चर्चा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उसकी (रिपोर्ट की) समीक्षा कर सुगम सुरक्षित यात्रा की कार्ययोजना तैयार करें।
बैठक के दौरान रतूड़ी ने कहा कि कार्ययोजना के लिए चारों धामों की धारण क्षमता के सटीक आकलन का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना में श्रद्धालुओं हेतु चिकित्सा एवं आपातकालीन सेवाओं की पुख्ता व्यवस्था, यात्रा के प्रभावी प्रबंधन एवं निगरानी तथा स्थानीय पारिस्थितिकी को संरक्षित करते हुए आर्थिकी को मजबूत करने जैसी बातों का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कार्ययोजना में सड़कों की स्थिति में सुधार, यातायात का प्रबंधन, कपाट खुलने के बाद धामों में प्रथम 40 दिनों में भीड़ की समस्या के समाधान, श्रद्धालुओं के फीडबैक की व्यवस्था को प्राथमिकता पर रखने के भी निर्देश दिए।
इन मुद्दों पर की गई चर्चा
बैठक में श्रद्धालुओं के पंजीकरण की व्यवस्था को सरल बनाने के लिए ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड’ तथा आधार कार्ड आधारित पंजीकरण पर चर्चा की गई। इसके साथ ही चारधाम यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा के मद्देनजर एक ‘एसएमएस’ मौसम अपडेट प्रणाली लागू करने, यात्रा रुट पर पीपीपी मॉडल या सीएसआर के तहत चिकित्सा सुविधा प्रदान करने, धामों में भीड़ नियंत्रण हेतु जत्थों में दर्शन व्यवस्था को लागू करने और पार्किंग क्षमता की समीक्षा करने पर भी चर्चा की गई।