कोरोना काल में भी भारत की आर्थिक विकास में तेजी चीन को पिछाड़ेगी

IMF का अनुमान, कोरोना काल में भी भारत की आर्थिक विकास में तेजी चीन को पिछाड़ेगी #tosnews

कोरोना काल में जबरदस्त संकट का सामना कर रही पूरी दुनिया आर्थिक मामलों में सुधार को लेकर चिंतित है। तमाम बंदिशों और लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष IMF ने 2021 में आर्थिक विकास तेज रहने का अनुमान जताया है। IMF का मानना है कि इस साल भारत की वृद्धि दर तेजी से बढ़कर 12.5 फीसद पर पहुंच सकती है। यह वृद्धि दर चीन से ज्यादा होगी। पिछले साल चीन ही एकमात्र ऐसा देश रहा जिसकी आर्थिक विकास में सकारात्मक रुख देखने को मिला था, बाकी अमेरिका समेत तमाम देशों ने काफी नुकसान उठाया था। मुद्राकोष ने विश्वबैंक worldbank के साथ होने वाली सालाना बैठक से पहले यह रिपोर्ट जारी की है।

चीन से आगे निकलेगा भारत? #tosnews
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष IMF ने मंगलवार को 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर तेजी से बढ़कर 12.5 फीसद पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। यह वृद्धि दर चीन के मुकाबले भी अधिक होगी। IMF ने अपने सालाना वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा कि 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.9 फीसद के आसपास आ जायेगी। मुद्राकोष ने कहा कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकार्ड आठ फीसद की गिरावट आयी। लेकिन इस साल वृद्धि दर 12.5 फीसद रहने का अनुमान है जो काफी बेहतर है। वहीं चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.6 फीसद तथा 2022 में 5.6 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है। चीन की पिछले साल वृद्धि दर 2.3फीसद रही और वह कोविड-19 महामारी के दौरान भी सकारात्मक आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाला दुनिया का एकमात्र बड़ा देश रहा है।

मजबूती की कर रहे हैं उम्मीद : geeta gopinath #tosnews
IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ geeta gopinath ने बताया कि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये पूर्व के अनुमान के मुकाबले मजबूत पुनरूद्धार की उम्मीद कर रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2021 में 6 फीसद और 2022 में 4.4 फीसद रहने का अनुमान है। पिछले साल 2020 में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में 3.3 फीसद की गिरावट आयी। उन्होंने रिपोर्ट में लिखा है कि हालांकि जो सामने है, उसमें पुनरूद्धार को लेकर विभिन्न देशों और देशों के भीतर जो गति है, वह अलग-अलग है। साथ ही संकट के कारण आर्थिक नुकसान को लेकर जोखिम अभी बना हुआ है। इससे हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं। गोपीनाथ gopinath ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और कई देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। हर देश में काम की गति अलग-अलग है। टीकाकरण में सुस्ती, पर्याप्त नीतिगत समर्थन का अभाव और पर्यटन पर अधिक निर्भर देशों में यह अंतर ज्यादा है।

पहले जताया मूडीज ने अनुमान #tosnews
रेटिंग देने वाली एजेंसी मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी की बात पहले ही की थी। उसके मुताबिक भारत में लॉकडाउन के बाद जो सहूलियत और ढील दी गई उससे काफी हद तक देश और विदेश में डिमांड में सुधार नजर आया है। यह आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। मूडीज ने बताया था कि हाल के महीनों में विनिर्माण के क्षेत्र में उत्पादन में बढ़ोतरी देखी गई है। उसका अनुमान है कि अगले कुछ तिमाहियों में भारत में बढ़ोतरी होगी और घरेलू डिमांड में सुधार भी दिखेगा। भारत में 2021 में जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 12 फीसद रहने का अनुमान मूडीज ने जताया था।

लॉकडाउन में ढील के बाद सुधरी हालत #tosnews
रिपोर्ट के अनुसार 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.3 फीसद की गिरावट अक्टूबर 2020 में जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुमान की तुलना में 1.1 फीसद अंक कम है। यह बताता है कि साल की दूसरी छमाही में ज्यादातर क्षेत्रों में लॉकडाउन में थोड़ी ढील देने के बाद वृद्धि दर में तेजी अनुमान से बेहतर रही। साथ ही पता चला कि अर्थव्यवस्था ने कामकाज के नये चलन को स्वीकार किया। #tosnews

—GB Singh

 

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