जब कोई ग्रह किसी राशि में गोचर करता है तो उसका प्रभाव भी देखने को मिलता है। ग्रहों के राशि में गोचर करने से जातक पर इसका प्रभाव पड़ता है। साल के इस अप्रैल महीने में चार बड़े गोचर होने वाले हैं जो आपके, देश के और कोरोना के भविष्य को बताएगा।
वास्तविकता की दृष्टि से ग्रहों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। ग्रहों के चलते सारी अच्छी बुरी घटनाएं हमारे जीवन में घटित होती हैं या यह कहें जो कि घटना हमारे साथ घटित होती है वह ग्रहों के परिणाम से संबंधित होती है। ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि परिवर्तन से लोगों की कुंडली में इसका प्रभाव पड़ता है।
आपको बता दें कि ज्योतिष के मुताबिक 10 अप्रैल से 16 अप्रैल के अंदर चार बड़े राशि गोचर होने वाले हैं इन 7 दिनों में चार बड़े गुर्जर देश और दुनिया में बहुत ही गहन प्रभाव डालने वाले हैं तो चलिए जानते हैं गोचर बारे में-
सूर्य का मेष राशि में गोचर
सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। यानी कि सम्राट कहा जाता है। 14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे और इसी गोचर के दौरान जो मेष राशि के जातक हैं उन्हें सफलता मिलेगी। उनका मान और सम्मान प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पदोन्नति की संभावना है। वहीं संबंधित कार्य क्षेत्र में सफलता भी मिलेगी। गोचर होने से आपके स्वभाव में उग्रता और श्रेष्ठ भाव भी आ सकते हैं। हालांकि इस स्थिति में आपको किसी से वाद और विवाद नहीं करना चाहिए। साथ ही भ्रम से बचें और वास्तविकता में जीने की कोशिश करें।
शुक्र का मेष राशि में गोचर
शुक्र ग्रह मीन राशि से निकलते हुए मेष राशि में गोचर करने वाले हैं। मेष राशि में शुक्र का गोचर सामान्य प्रभाव ला सकता है और इस राशि परिवर्तन से जातकों का भावनात्मक रूप देखा जा सकता है। हालांकि इससे भौतिक इच्छाओं की पूर्ति होने की संभावना भी नजर आ रही है। गोचर से प्रेम संबंधों में मधुरता और विश्वसनीयता आती है। गोचर होने से प्रतिष्ठा में सम्मान में वृद्धि होगी। हालांकि नारी से संबंधित राशि में गोचर होने से उन्हें कुछ समस्याएं भी आ सकती हैं। वहीं घर परिवार में प्रेम संबंध मधुर हो सकते हैं। विवाद ना करें, अधिकार जताने से बचें।
बुध का मेष राशि में प्रवेश
ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित नितिन जौहरी कहते हैं कि बुध को ग्रहों का सबसे गर्म ग्रह माना गया है। जिसका किसी उच्च राशि में गोचर करना सकारात्मक प्रभाव डालता है। वहीं अगर बुध ग्रह किसी नीच राशि में प्रवेश करता है तो यह नकारात्मक प्रभाव डालता है। 16 अप्रैल को बुध मीन राशि से होते हुए मेष राशि में प्रवेश करेगा, जिससे इसका प्रभाव व्यक्ति के व्यवहारिक जीवन पर पड़ेगा। हालांकि इस दौरान आप ओवरकॉन्फिडेंस में ना रहें। सम्मान देंगे और पाएंगे।
मंगल ग्रह का मिथुन राशि में प्रवेश
जैसा कि आप जानते हैं कि मंगल को अग्नि तत्व माना गया है। यह ऊर्जा और और साहस का प्रतीक माना गया है। मंगल ग्रह 14 अप्रैल को वृषभ राशि से निकलते हुए मिथुन राशि में गोचर करेंगे। हालांकि बदलाव गोचर के साथ आना संभव है। इस राशि में गोचर से भ्रम की स्थिति भी पैदा हो सकती है। थोड़ी सुस्ती थकावट और दर्द असुरक्षा का भाव भी आ सकता है। वहीं एकाग्रता की कमी भी देखी जा रही है।
देश-दुनिया पर पड़ेगा प्रभाव
ग्रहों के राशि गोचर में देश और दुनिया पर इसका प्रभाव पड़ेगा। अगर दुनिया की बात करें तो भारत सरकार के कई अहम कदम उठाने की संभावना है। दसवें भाव में शनि अपनी स्वराशि में होने की वजह से देश का सम्मान और प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी होगी। बृहस्पति के ग्यारहवें भाव में होने की वजह से पड़ोसी देशों के साथ हमारे देश के अच्छे संबंध होने के आसार हैं। अप्रैल से लेकर जुलाई के महीने के बीच देश के साथ-साथ पूरे विश्व में कोरोनावायरस के खतरे को कम करने के प्रयास में सफलता भी मिल सकती है। अप्रैल से लेकर सितंबर तक रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होने के आसार हैं।