पाकिस्तान की कमान नई सरकार के हाथ में जाने के बावजूद यहां सियासी घमासान जारी है। पाकिस्तान के निष्कासित प्रधानमंत्री इमरान खान की बेचैनी साफ झलक रही है। देश भर में आजादी मार्च निकाल रहे इमरान खान ने गुरुवार को शहबाज सरकार को छह दिन का अल्टीमेटम दिया है। इमरान ने देश की मौजूदा सरकार से असेंबली भंग करने और ताजे चुनाव का एलान करने को कहा। उन्होंने चेताया कि यदि इंपोर्टेड सरकार ऐसा करने में असफल रही तो वे समूचे देश के साथ राजधानी में वापस आ जाएंगे। दरअसल आज वे जिन्ना एवेन्यू में आजादी मार्च के हजारों प्रदर्शनकारियों की एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस क्रम में इमरान खान ने सरकार पर हमला बोला। इमरान खान ने सरकार पर छापेमारी व गिरफ्तारियों जैसे हथकंडे अपनाकर उनकी रैली में बाधा डालने के प्रयास का आरोप लगाया। साथ ही मामले पर ध्यान देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने आजादी मार्च को खत्म करने के लिए हर तरीके की जोर आजमाइश की। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर उन्होंने आंसू गैस छोड़े हमारे घरों पर छापेमारी की साथ ही हमारी निजता का हनन भी किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने निर्णय लिया था कि जब तक सरकार असेंबली को भंग नहीं कर देती और नए सिरे से चुनाव का एलान नहीं होता, मैं यहीं बैठूंगा। लेकिन कल के हालात देखने के बाद यह साफ हो गया है कि सरकार देश और पुलिस के बीच बंटवारा करने की कोशिश में है।’ उन्होंने कहा कि यदि वे धरने पर बैठते हैं तो सरकार खुश होगी क्योंकि इससे लोगों और पुलिस व सेना के बीच झड़पें होंगी। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ से पांच प्रदर्शनकारियों की झड़प में मौत हो गई। इसके अलावा कराची में भी मौतें हुई।
खैबर पख्तूनख्वा में बुधवार को इमरान खान ने जनसभा को संबोधित करते हुए अमेरिका पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के नौकरों व चोरों का इस्लामाबाद में शासन हो रहा है।’ प्रधानमंत्री शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने शुरुआत में प्रदर्शन की इजाजत दे दी थी लेकिन मंगलवार को हिंसा की आशंका के कारण अनुमति देने से इंकार कर दिया।