साल 2007 का क्रिकेट विश्वकप हर क्रिकेट प्रेमी को जरुर याद होगा। उसी वर्ल्डकप में युवराज सिंह ने 6 छक्के जड़ कर भारत को जीत दिलाई थी और महेंद्र सिंह धोनी ने उस वक्त टीम इंडिया का मार्गदर्शन किया था। हालांकि उस वर्ल्डकप के 14 साल बाद एक नया खुलासा हुआ है। अब एक खिलाड़ी सामने आ कर कह रहा है कि उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान बनाए जाने की उम्मीद वो खुद कर रहा था। हालांकि उस वक्त धोनी को टीम इंडिया की कमान सौंप दी गई थी। तो चलिए जानते हैं कि आखिर वो कौन सा खिलाड़ी है जो खुद के कैप्टन बनने की उम्मीद में था।
राहुल द्रविड़ व सचिन तेंदुलकर को बनाया जा रहा था कप्तान
खास बात ये है कि साल 2007 के वर्ल्डकप में राहुल द्रविड़ व सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों ने टीम इंडिया की कप्तानी करने से मना कर दिया था। ऐसी स्थिति में दोनों ही खिलाड़ियों ने कैप्टेंसी की अपने दावेदारी के लिए मना कर धोनी का नाम सुझाया था। इसके बाद सेलेक्टर्स ने वर्ल्डकप में धोनी को ही कप्तान नियुक्त किया था और धोनी कैप्टन के पद पर खरे भी उतरे थे। उनके मार्गदर्शन में ही टीम ने उस साल वर्ल्डकप अपने नाम किया था।
युवराज सिंह ने धोनी को कप्तानी मिलने का खुलासा किया
एक पोडकास्ट के दौरान युवराज सिंह ने खुद ही खुलासा किया था कि उस साल टीम में सीनियर प्लेयर्स ने खेलने से मना क्यों कर दिया था। उन्होंने इंटरव्यू में कहा था कि इंडिया 50 ओवर का वर्ल्डकप हार चुकी थी। इस बात को लेकर टीम के अंदर उथल–पुथल मची पड़ी थी। वहीं टीम को दो महीने के इंग्लैंड दौरे पर जाना था। इसी बीच में आयरलैंड व अफ्रीका का भी दौरा था। वहीं इन सब दौरों के बाद टी20 वर्ल्डकप का आयोजन होना था। सिलेसिले वार दौरे और वर्ल्डकप के चलते सभी प्लेयर्स को घर से 4 महीने तक के लिए बाहर रहना पड़ता। यही वजह थी कि सीनियर्स ने वर्ल्डकप में न खेलने का फैसला लिया था।
कहा उम्मीद थी कि मैं धोनी की जगह कप्तान बनता
कहा जा सकता है कि किसी भी सीनियर ने टी20 वर्ल्डकप को गंभीरता से नहीं देखा। हालांकि मैं उम्मीद कर रहा था कि सीनियर्स की गैरमौजूदगी में 2007 के टी20 वर्ल्डकप का कप्तान मुझे ही बनाया जाए लेकिन धोनी को बना दिया गया। युवराज सिंह और धोनी के बीच कप्तानी को लेकर काफी अनबन हो गई थी। दोनों के बीच रिश्तों में खटास भी आ गई थी। उनके बीच रिश्ते पहले ठीक थे और फिर बाद में ये रिश्ते बिगड़ गए।
ऋषभ वर्मा