शनिदेव न्याय और सत्य के देवता हैं। उनकी आराधना न केवल आपको बुरी चीजों से बचाती है बल्कि आपकी रक्षा भी करती है। इस जुलाई महीने में शनिदेव के वक्री चाल में चलने के कारण कुछ राशियों पर प्रभाव पड़ सकता है। इसे उल्टी चाल भी कहते हैं। साढ़े साती और ढैया के साथ यह उल्टी चाल भी कुछ हद तक लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन उपाय से यह कम भी होगा। आइए जानते हैं उल्टी चाल और इसके उपाय के बारे में। 
तीन राशियों पर चल रही है साढ़े साती

तीन राशियों पर चल रही है साढ़े साती
शनि की साढ़े साती को लोगों के बीच काफी खराब माना जाता है। वे इसे दूर करने और इससे बचने के उपाय करते रहते हैं। इस जुलाई माह में शनि के वक्री यानी उल्टी चाल में चलने से यह तीन राशियों पर असर डाल सकता है। कुछ पर इनका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और कुछ के लिए यह मिश्रित हो सकता है। जिन पर साढ़े साती या ढैय्या है उनके लिए भी यह काफी कठोर समय होगा। यह साढ़े साती सात साल की होती है। जिन राशियों पर इनका प्रभाव पड़ने की बात कही जा रही है उनमें धनु, मकर और कुंभ राशि है। मिथुन और तुला पर ढैय्या चल रही है। कुछ पर इनका अच्छा असर भी हो सकता है। सभी पर नकारात्मक हो यह बात स्पष्ट नहीं है।
इन उपायों से दूर करें परेशानी
शनि की अगर महादशा आती है तो उपाय ही इसका निवारण कर सकता है। इसके लिए न केवल पूजा-पाठ बल्कि दान से भी कुछ हद तक समस्या हल होती है। संयमित और आदर्श व्यवहार भी आपको इस महादशा से बचाता है। वैसे जो उपाय बताए गए हैं उनमें हनुमान और शिव जी की आराधना करना शामिल है। शनिवार और मंगलवार को निश्चित रूप से हनुमान की आराधना और हनुमान चालीसा का पाठ करें। सोमवार को शिव जी को जल चढ़ाएं। पीपल के नीचे सरसो के तेल का दीपक जलाएं। काली उड़द और काले तिल का दान करें। शनिवार को शनि की पूजा करें। चिड़ियों को दाना-पानी और चीटियों को शक्कर खिलाएं। तामसिक चीजों से दूर रहें। लोगों से अच्छा व्यवहार करें और किसी के प्रति छल-कपट न रखें।
-GB Singh
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