IND vs PAK प्रतिद्वंद्विता की चमक पड़ रही फीकी

एक समय था जब भारत और पाकिस्तान के बीच मैच में रोमांच अपने सिर चढ़कर बोलता था। हालांकि अब ऐसा नहीं है। पाकिस्तान टीम को कई बार एकतरफा हार का सामना करना पड़ता है। पाकिस्तान टीम में अब न वो दम नजर आता है और न वो प्रतिस्पर्धा जो पहले देखने को मिलती थी।

एशिया कप में रविवार को भारत ने पाकिस्तान पर सात विकेट से एकतरफा जीत दर्ज कर यह साफ कर दिया कि अब क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा मुकाबला माने जाने वाली इस प्रतिद्वंद्विता की चमक फीकी पड़ चुकी है।

कभी एल क्लासिको (बार्सिलोना बनाम रीयल मैड्रिड) और एशेज (इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया) से भी बड़ी प्रतिद्वंद्विता वाली यह भिड़ंत अब एकतरफा हो गई है। अतीत में भारत-पाकिस्तान मुकाबले न सिर्फ क्रिकेट के लिहाज से, बल्कि भावनाओं और जुनून के स्तर पर भी असाधारण माने जाते थे। 1980 और 1990 के दशक में जब दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज खेली जाती थी, तो मैदान के साथ-साथ दर्शकों में गजब का रोमांच देखने को मिलता था।

हर गेंद पर होता है मनता था जश्न
शारजाह कप से लेकर विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी तक, जहां भी भारत-पाकिस्तान भिड़े, वहां दर्शकों की धड़कनें तेज हो जातीं। एक-एक गेंद, एक-एक रन और हर विकेट पर जैसे जश्न या मातम का माहौल बन जाता था। लेकिन बीते कुछ वर्षों में परि²श्य बदल गया है। भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध दबदबा कायम किया है। आंकड़े इसके साक्षी हैं। 2022 से दोनों टीमों के बीच सात मुकाबले (सभी प्रारूप) खेले गए, जिसमें भारत का रिकॉर्ड परफेक्ट 7-0 रहा है। खुद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने भी माना कि प्रतिद्वंद्विता का अर्थ तभी निकलता है जब टीमें एक-दूसरे को बराबरी की टक्कर दें।

उन्होंने रविवार को मैच के बाद कहा कि प्रतिद्वंद्विता तब होती है जब स्कोर 8-7 या 9-8 जैसा हो। लेकिन यहां मामला 13-0 है। यह अंतर सिर्फ बल्लेबाजी या गेंदबाजी में नहीं, बल्कि समग्र टीम संयोजन और मानसिक मजबूती में भी दिखता है। भारतीय टीम ने टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों प्रारूपों में अपनी गहराई साबित की है।

नई पीढ़ी ने संभाली जिम्मेदारी
विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के बाद भी नई पीढ़ी के खिलाड़ी जैसे शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा और ऋषभ पंत टीम को मजबूती दे रहे हैं। गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और कुलदीप यादव जैसी विविधता पाकिस्तान को बैकफुट पर धकेलती रही है।

पाकिस्तान हो रहा है अस्थिर
दूसरी ओर, पाकिस्तान टीम लगातार अस्थिरता से जूझ रही है। पीसीबी में गुटबाजी, बार-बार कप्तान बदलना, चयन में असंगति और खिलाड़ियों की फिटनेस की समस्याओं ने टीम को कमजोर किया है। जहां भारत लगातार वैश्विक टूर्नामेंटों के सेमीफाइनल और फाइनल तक पहुंच रहा है, वहीं पाकिस्तान अक्सर ग्रुप स्टेज या शुरुआती दौर में ही संघर्ष करता दिखता है।

इतना ही नहीं पाकिस्तान को अब छोटी टीमें हरा रही हैं। 2024 टी-20 विश्व कप में उसे अमेरिका ने हराकर टूर्नामेंट से बाहर किया था। इसके अलावा आयरलैंड जैसी टीम ने भी उसे पटखनी दी, यहां तक कि न्यूजीलैंड की ए टीम को भी वह टक्कर नहीं दे पा रही है। अब भारत-पाकिस्तान का मुकाबला रोमांच से ज्यादा एक औपचारिक आयोजन बनकर रह गया, जिसमें परिणाम का अंदाजा पहले से ही हो जाता है।

गलती पर गलती, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं दुबई
जब से एशिया कप की शुरुआत हुई है, पाकिस्तानी टीम गलतियां पर गलतियां करती जा रही है, लेकिन अब तक एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) ने पीसीबी या पाकिस्तानी टीम पर कोई कार्रवाई नहीं की है। 14 सितंबर को मैच में टॉस के समय और मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों के हाथ न मिलाने से तिलमिलाए पीसीबी ने कई ऐसे कदम उठाए, जिसको लेकर काफी आलोचना हुई है।

पीसीबी ने भारत-पाकिस्तान मैच में रेफरी रहे एंडी पायक्राफ्ट को हटाने की जिद पकड़ी और यूएई के मैच का बहिष्कार करने की धमकी दी। इतना ही नहीं टीम करीब डेढ़ घंटे की देरी से स्टेडियम पहुंची, जिससे यूएई के मैच में एक घंटे की देरी हुई। इसके बाद उसने पाकिस्तानी मीडिया मैनेजर और कप्तान सलमान अली आगा के साथ एंडी पायक्राफ्ट की बैठक का वीडियो प्रसारित किया, जो सीधे तौर पर आईसीसी के प्रोटोकाल का उल्लंघन था।

आइसीसी ने इसको लेकर कड़ी आपत्ति भी जताई थी। इतना ही नहीं पीसीबी ने भारत के विरुद्ध सुपर-4 मुकाबले से पहले होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में भी रद कर दी थी। रविवार को हुए मुकाबले में पाकिस्तानी खिलाड़ियों का आचरण भी कहीं से खेलभावना के अनुरूप नहीं था।

चाहे वह फरहान साहिबजादा द्वारा अर्धशतक लगाने के बाद बल्ले को बंदूक की तरह चलाना हो या फिर बाउंड्री के पास हारिस राउफ का जेट गिराने का इशारा करना। इतना सब होने के बाद भी एसीसी ने कोई कदम नहीं उठाया है। दरअसल, एसीसी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी हैं, जो पीसीबी के भी चेयरमैन हैं। खुद नकवी के इशारे पर ही यह सब हो रहा है।

भारतीय पत्रकारों से पक्षपात
पीसीबी ने एशिया कप कवर कर रहे भारतीय पत्रकारों से भी पक्षपात कर रहा है। पाकिस्तानी टीम के मीडिया मैनेजर नईम गिलानी प्रेस कांफ्रेंस में लगातार भारतीय पत्रकारों के सवाल टालते रहे। दूसरी ओर भारत के मीडिया मैनेजर मौलिन पारिख ने पाकिस्तानी पत्रकारों को पूरा मौका दिया। पीसीबी की भूमिका पर आइसीसी पहले से ही जांच कर रही है।

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