नई दिल्ली: लाख कोशिशों के बावजूद भी भारतीय रेल की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में नाकाम रहे रेलवे में वाकई कुछ बहुत गलत है।

पर्याप्त चिकित्सा नहीं मिल पाने से कई मामले में यात्रियों की मौत भी हो जाती है। रेल मंत्रालय ने भी पिछले सप्ताह लोकसभा में माना था कि पिछले तीन साल में ट्रेन में 1600 से ज्यादा यात्रियों की मौत हुई। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि आपके रेलवे पास प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा तक नहीं है। आप इस बारे में नहीं बता रहे
। अगर वहां यह चिकित्सा सुविधा नहीं है तो वाकई कुछ बहुत गलत है। विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ट्रेन से उतरते समय एक व्यक्ति की मौत से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने यह सख्त टिप्पणी की।
पूर्व में मामले की सुनवाई करने वाले राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग एनसीडीआरसी ने कहा था कि व्यक्ति की मौत दिल का दौरा पडऩे से हुई थी। शीर्ष अदालत ने रेलवे बोर्ड की ओर से पेश वकील से दो हफ्ते में एक हलफनामा दाखिल कर रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध चिकित्सा सुविधा के बारे में बताने को कहा है।
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