भारत ने इंग्लैंड के साथ जो फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) किया है, उससे भारत में पहले से बिक रही लक्जरी कारों के दाम पर कोई खास पड़ने की संभावना नहीं है। दूसरी ओर इस समझौते से आने वाले कुछ वर्षों में भारत से इंग्लैंड को इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में कई गुना वृद्धि होने की संभावना है।
भारत में इंग्लैंड से कार आयात पर ड्यूटी 100% से अधिक है, इस एफटीए में इसे घटकर 10% किया गया है। इससे जगुआर लैंड रोवर, बेंटले और एस्टन मार्टिन जैसी लक्जरी गाड़ियों के दाम यहां कम होंगे। हालांकि भारत में मर्सिडीज बेंज और बीएमडब्ल्यू कंपनियों ने कहा है कि इससे भारत में लक्जरी कारों के बाजार पर कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
क्या कहा मर्सिडीज इंडिया के प्रमुख ने
मर्सिडीज बेंज इंडिया के एमडी और सीईओ संतोष अय्यर ने कहा कि एक बहुराष्ट्रीय कंपनी होने के नाते हम हमेशा फ्री ट्रेड का समर्थन करते हैं। उन्होंने बताया कि अभी भारत में जो मर्सिडीज की गाड़ियां बिकती हैं उनमें 95% सीकेडी होती हैं। इसका मतलब है कि आज भी इन गाड़ियों पर 15 से 16 प्रतिशत टैरिफ लगता है। इसलिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से कीमतों में बहुत करेक्शन आने की संभावना नहीं है।
बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के प्रेसिडेंट और सीईओ विक्रम पाहवा ने भी कहा कि उनकी कंपनी फ्री मार्केट और ट्रेड बैरियर में कमी का समर्थन करती है। यह आर्थिक विकास के लिए अच्छा है। भारतीय लक्जरी कार सेगमेंट पर इसके प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा कि यह एग्रीमेंट की डिटेल सामने आने पर ही स्पष्ट होगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री पर क्या होगा असर
इंडिया सेल्यूलर इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने एक बयान में कहा कि इंग्लैंड अभी विभिन्न देशों से 76 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का आयात करता है। भारत से इंग्लैंड को इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात सिर्फ दो अरब डॉलर का है। FTA से भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को निर्यात बढ़ाने का मौका मिलेगा। इससे वर्ष 2031 तक भारत से कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 180 से 200 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
इस समझौते से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को ग्लोबल वैल्यू चेन के साथ जुड़ने में भी मदद मिलेगी। इस एग्रीमेंट के बाद भारत से इंग्लैंड को होने वाले लगभग 99% निर्यात पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा इंजीनियरिंग गुड्स, ऑटो कंपोनेंट और आईटी सर्विसेज को फायदा मिलेगा।
भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के लिए एग्रीमेंट के बाद इंग्लैंड में काम करना भी आसान होगा। हर साल करीब 60000 भारतीय टेक प्रोफेशनल्स को इसका लाभ मिल सकता है। इसका फायदा टीसीएस, इंफोसिस, एचसीएल टेक, विप्रो और टेक महिंद्रा जैसी बड़ी आईटी कंपनियों को मिलेगा।
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